Thursday, December 4राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

वर्षा की बूंदे

रतन खंगारोत
कलवार रोड झोटवाड़ा (राजस्थान)
********************

काले-काले मतवाले बादल,
वर्षा का पैगाम है लाये।
उमड़-घूमड़ और इठलाकर,
प्रेम का यह संदेश सुनाये।।१।।

आते-जाते जब बादल गरजे,
बिजली भी अपना रूप दिखाए।
गरज और चमक जब मिले साथ में,
मानव-जन और हर जीव घबराए।।२।।

अद्भुत, छटा निराली इसकी,
कभी प्रेम तो कभी डर लग जाए।
छमक-छमक कर मोर नाचे,
बूंदें ऐसी की हीरे और मोती बिखराए।।३।।

वर्षा की बूंदे जब धरा से मिली,
कण-कण उसका महका गया ।
ऐसी छटा बिखरी नभ में,
कोयल, पपिहा गीत है, गाये।।४।।

हरियाली की चुनर ओढ़े,
प्रकृति ने सोलह शृंगार किये।
अदभुत, अनोखा रूप इसका,
वर्षा के संग-संग जिए ।।५।।

परिचय : रतन खंगारोत
निवासी : कलवार रोड झोटवाड़ा (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु  राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈…  राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *