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स्वछंद पंछी की तरह

शिवदत्त डोंगरे
पुनासा जिला खंडवा (मध्य प्रदेश)
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कितनी उन्मुक्तता है
स्वतंत्र विचरण करते हैं।
सम्पूर्ण धरा और
गगन के बीच
ना आने का व्यय
ना ही वाहन शुल्क
देना है आय व्यय
का ब्यौरा

पर क्या इनके ह्रदय में
शांति की अनुभूति है ?
संभवत: नहीं
क्योंकि शांति होती तो
इधर उधर विचरण
करने की आवश्यकता
नहीं होती।
तो फिर इस स्वच्छंदता
रूपी स्वतन्त्रता
का परिणाम क्या है ?

फिर भी सभी उन्मुक्त
सभी स्वछंद रहने को
आतुर रहते हैं
पंछी की तरह

परिचय :- शिवदत्त डोंगरे (भूतपूर्व सैनिक)
पिता : देवदत डोंगरे
जन्म : २० फरवरी
निवासी : पुनासा जिला खंडवा (मध्य प्रदेश)
सम्मान : राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा “समाजसेवी अंतर्राष्ट्रीय सम्मान २०२४” से सम्मानित
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।


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