प्रेम क्या है
शिवदत्त डोंगरे
पुनासा जिला खंडवा (मध्य प्रदेश)
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प्रेम क्या है
क्या ये किसी रिश्ते का नाम है
या इसका संबंध देह से है
नहीं
'प्रेम' तो इक 'अनुभूति' है
वह मोहताज नहीं रिश्तों का
क्योंकि रिश्ते तो अपना
मूल्य मांगते हैं
मूल्य न मिलने पर
सिसकते, टूटते, बिखरते हैं
फिर यहाँ प्रेम कहाँ.
क्या प्रेम देह से जुड़ा है
नहीं
जिस तरह पूजा के बाद
अमृत, पानी नहीं रह जाता
तो प्रेम का पर्याय देह
कैसे हो सकता है?
प्रेम का न कोई मूल्य होता है
न ही कोई दैहिक सम्मोहन
प्रेम इन सब से परे है
प्रेम इबादत है.
प्रेम इन्सानियत है
प्रेम बन्दगी है
प्रेम भक्ति है
प्रेम विश्वास है
इसमें ना खोना है न पाना है
बस करते चले जाना है.
फिर ये प्रेम मनुष्य
का मनुष्य से हो
या मनुष्य का ईश्वर से हो
या ईश्वर की किसी कृति से हो.
परिचय :- शिवदत्त डोंगरे (भूतपूर्व सैनिक...