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तेरा मेरा इतना नाता

शिवदत्त डोंगरे
पुनासा जिला खंडवा (मध्य प्रदेश)
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मैं परिपक्व एक बुढ़ापा
तू मुस्काता बचपन सा
मैं ढलती एक रात हूँ
तू उगता सूरज प्यारा
मैं प्यासी बंजर धरती
तू बरसता सावन सा आया
तेरा मेरा इतना नाता

मैं माटी का दीपक
तू उजली बाती सा
मैं कलकल बहती नदिया सी
तुझमे जोर समुंदर का सारा
तेरा मेरा इतना नाता

मैं एक सूखा फूल हूँ
तू नन्हा कोपल का जाया
मैं हूँ कड़वी नीम निम्बोली
तू मीठा शहद सा भाया
तेरा मेरा इतना नाता

मैं पल पल बीता लम्हा हूँ
तू नए साल सा इठलाता
मैं हूँ एक खत्म कहानी
तू ख्वाब सा सबको भाता
तेरा मेरा इतना नाता

परिचय :- शिवदत्त डोंगरे (भूतपूर्व सैनिक)
पिता : देवदत डोंगरे
जन्म : २० फरवरी
निवासी : पुनासा जिला खंडवा (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।


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