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कठिन डगर

किरण विजय पोरवाल
सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
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जीवन की यह राह कठिन है,
जीवन की यह डगर कठिन है,
कितनी उलझन कितना भार
कितनी चिंता कितना काम।

हर उम्र के पड़ाव में
बढ़ता जाता है यह भार,
मानसिक शारीरिक
व्यापारिक सांसारिक,
उलझन में फसता जाता इंसान।

चिंतन कम चिंता ज्यादा,
भक्ति कम बदलाव ज्यादा,
स्मरण कम उलझन ज्यादा,
दर्शन कम प्रदर्शन ज्यादा।

होड़ की इस दौड़ में घानी
का सा बेल जुत गया प्यारा,
जीवन के इस चक्र में
घूमता-घूमता रह गया न्यारा,
आओ इस उलझन को हम दूर करें।

चिंतन और मनन से,
पठन और पाठन से,
ज्ञान ध्यान
योग और विद्या से,
संतो महंतों की वाणी से ,
दान और पुण्य से,
तीर्थो में भ्रमण से,

आदर और सत्कार से,
सेवा और पूजा से,
प्रेम और विश्वास से ,
इस काया को कंचन
करें मेल और मिला से।

परिचय : किरण विजय पोरवाल
पति : विजय पोरवाल
निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स
व्यवसाय : बिजनेस वूमेन
विशिष्ट उपलब्धियां :
१. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित
२. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित
३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा “साहित्य शिरोमणि अंतर्राष्ट्रीय समान २०२४” से सम्मानित
४. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना
रूचि : कविता लेखन, चित्रकला, पॉटरी, मंडला आर्ट एवं संगीत
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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