उठ जाओ मेरे हिंदुस्तानी भाई
मनमोहन पालीवाल
कांकरोली, (राजस्थान)
********************
उठ जाओ मेरे हिंदुस्तानी भाई
देश की हालत कैसी हो आई
अन्न दाता जो कहलाते हो मेरे
हवा कैसी चली, नही हे पूर्वाई
हिज़ाब मे कोई ओर खडा है
क्यों पाल रहे अपनी ढीटाई
अपने देश से क्यू कर रहे गद्दारी
कब लेले ये सरकार अंगडाई
तुम भी अपने जख़्म देने वाले भी,
आकर बहकावे मे जाल बिछाई
तिरंगे से खिलवाड करा कर यारो
दुश्मन कोई ओर वो खाए मलाई
हर मौसम मे तुम राजा हो भाई
फिर से बजा दो खूशी की शहनाई
जब जब किसान देश का जगा है
कहूँ ओर हे बिजलिया गरजाई
हर मौसम के तुम राजा हो "मोहन"
फिर से बजे खूशी की शहनाई
परिचय :- मनमोहन पालीवाल
पिता : नारायण लालजी
जन्म : २७ मई १९६५
निवासी : कांकरोली, तह.- राजसमंद राजस्थान
सम्प्रति : प्राध्यापक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
आप भी अपनी ...





















