राजनीति की गँगा-कितनी मैली और विषैली
राजकुमार अरोड़ा 'गाइड'
बहादुरगढ़ (हरियाणा)
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आखिर राजनीति में ये सब क्या हो रहा है, राजनीति की गंगा कितनी मैली और विषैली हो गई है। अपने को दूसरों से अलग बताने वाली भाजपा अब अलग नहीं रही, सब दल सत्ता को किसी भी तरह हथियाने के चक्कर में गहरे दलदल का रूप ले चुके हैं, बाहर कोई नहीं निकल पा रहा, हर बार नैतिकता कोसों दूर खड़ी आँसू बहाती रह जाती है। भाजपा व उसके साथी दल जैसे तैसे बिहार में सत्ता में आ तो गए, बड़े सोच विचार के बाद बने १४ सदस्यी मंत्री मंडल में ९ पर तो आपराधिक मामले दर्ज मिले, बेचारे, शिक्षा मंत्री मेवालाल जी सत्ता का मेवा कुछ घँटे ही चख पाये, पुराने घोटाले जो उन्होंने कुलपति रहने के दौरान किये थे, को विपक्षी दलों के उजागर करने पर त्यागपत्र दे बाहर हो गए। देश की राजनीति में अपराधियों का बढ़ता वर्चस्व चिंता का विषय तो ह...























