हिन्दी ढूँढे पहचान
दीप्ति शर्मा "दीप"
जटनी (उड़ीसा)
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(हिन्दी दिवस पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कविता लेखन प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त रचना)
हिन्दी के प्रेमी बनो, दो विशेष सम्मान।
नित्य मने हिन्दी दिवस, ना हो अब अपमान।।
मिलाती दिलों को सदा, लाती सबको पास।
साहित्य की बहे नदी, भाषा है ये खास।।
हिन्दी को सब पूज लो, वही हमारी मात।
प्यार से लगाती गले, पूछे न कभी जात।।
सोये भारतीय सुनो, जगाओ स्वाभिमान।
हिन्दी भाषा अब बनें, हम सबकी पहचान।।
देख स्वयँ की दुर्दशा, हुई आज हैरान।
हाय व्यथा किससे कहे, है बड़ी परेशान।।
भाषाओं की माँ यहाँ, ढूँढ रही पहचान।
वो अपने ही देश में, बन गई मेहमान।।
ए बी सी जाने सभी, वर्ण का नहीं ज्ञान।
अंग्रेजी की धूम है, हिन्दी से अंजान।।
हाथ जोड़ विनती करूँ, हिन्दी को दो मान।
उसको कभी मिले नहीं, दोयम दर्जा स्थान।।
परिचय :- दीप्ति ...

























