केरोना
मनोरमा जोशी
इंदौर म.प्र.
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यह कैसी असहनीय पीड़ा,
अब तू जारे केरोना।
कैसा तेरा प्रहार,
प्रकृति भी मौन रही निहार,
सबका मन अशांत,
कब होगा कहर शान्त।
घर में खाने के लाले,
बच्चों को कैसे पाले।
गृह मे है जिन्दगी कैद,
सब हो रहें पस्त,
मानव जीवन हो रहा अस्त व्यस्त।
सेवा भावी पुलिस डाक्टर,
उनका भी है अपना परिवार,
इस पर करों विचार,
कब तक थमेगा अत्याचार,
है प्रभु अब आप ही पालनहार,
बरसादों करूण रस की धार,
सुनलो सबकी पुकार।
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परिचय :- श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है।
शिक्षा - स्नातकोत्तर और संगीत है।
कार्यक्षेत्र - सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्र...





















