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तुमसे दूर
कविता

तुमसे दूर

अमरीश कुमार उपाध्याय रीवा म.प्र. ******************** माना हम बहुत दूर है तुमसे पूछ लेने में भी कंजूस है तुमसे, तुम सरेआम नाम मेरा लेते हो मै अपने में भी लेने में कंजूस हूं तुमसे, मेरा तो कल का वजूद है तुमसे यू रास्ते में मिला ना करो मुझसे, मेरे रास्ते जान लेंगे तुमसे अभी तो नाम ले के आए हैं कल मेरे नाम से जान लेंगे तुमको, हम बहुत दूर है........।। . परिचय :- अमरीश कुमार उपाध्याय निवासी - रीवा म.प्र. पिता - श्री सुरेन्द्र प्रसाद उपाध्याय माता - श्रीमती चंद्रशीला उपाध्याय शिक्षा - एम. ए. हिंदी साहित्य, डी. सी. ए. कम्प्यूटर, पी.एच. डी. अध्ययनरत आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाई...
खूबसूरत चेहरे
लघुकथा

खूबसूरत चेहरे

श्रीमती मीना गोदरे 'अवनि' इंदौर म. प्र. ******************** मूवी देखकर लौट रही दिव्या ने अपना टू-व्हीलर स्टार्ट करने के पहले दुपट्टे से मुंह इस तरह लपेटा कि बस उसकी आंखें ही शेष बची थीं उस पर गागिल चढ़ा लिया। मनीषा पीछे की सीट पर बैठते हुए बोली तुम भी यार... क्योंं पडी रहती हो इस झंझट में, मुझे देखो मैं तो कभी चेहरा नहीं ढ़क सकती, फिर भी क्या तुम्हें मेरे चेहरे की चमक कम दिखती है? "अभी अभी तू छपाक देखकर लौट रही है फिर भी ऐसे सवाल करती है" "मुझे किसी का डर नहीं न ही मैंने कोई ग़लत काम किया है" पर चेहरा तो खूबसूरत है, कहते हुए दिव्या ने गाड़ी बढ़ा दी। ओह..... तभी मै सोचूं खूबसूरत चेहरे आजकल दिखाई क्यों नहीं देते। . परिचय :- नाम - श्रीमती मीना गोदरे 'अवनि' शिक्षा - एम.ए.अर्थशास्त्र, डिप्लोमा इन संस्कृत, एन सी सी कैडेट कोर सागर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय दार्शनिक शिक्षा - जैन दर्श...
विनोदसिंह गुर्जर हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित
साहित्य समाचार

विनोदसिंह गुर्जर हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित

कलमकार श्री विनोदसिंह गुर्जर को हिन्दी रक्षक मंच द्वारा हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित किया गया वे अब से हिंदी रक्षक विनोदसिंह गुर्जर के नाम से जाने जाएंगे। इन्दौर। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का स्थान दिलाने व हिन्दी साहित्य के रक्षण हेतु बनाये गए हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में ३२ कवियों व साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया। हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एंव hindirakshak.com के संपादक पवन मकवाना ने बताया कि कार्यक्रम में इन्दौर सहित भारत के अलग-अलग राज्यों व शहरों झारखंड, मनावर, उज्जैन, धार, रीवा, कानपुर, देपालपुर, भोपाल, देवास, दरभंगा बिहार, कोटा राजस्थान, चंपारण बिहार, बेगमगंज मेरठ, मोतिहारी बिहार से पधारे ३२ साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथी महामण्डलेश्वर दादु महाराज, देवपुत्र के स...
प्रद्युम्न शर्मा हिंदी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित
साहित्य समाचार

प्रद्युम्न शर्मा हिंदी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित

कलमकार श्री प्रद्युम्न शर्मा को हिन्दी रक्षक मंच द्वारा हिंदी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया वे अब से हिंदी रक्षक प्रद्युम्न शर्मा के नाम से जाने जाएंगे। इन्दौर। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का स्थान दिलाने व हिन्दी साहित्य के रक्षण हेतु बनाये गए हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में ३२ कवियों व साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक राष्ट्रीय सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया। हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एंव hindirakshak.com के संपादक पवन मकवाना ने बताया कि कार्यक्रम में इन्दौर सहित भारत के अलग-अलग राज्यों व शहरों झारखंड, मनावर, उज्जैन, धार, रीवा, कानपुर, देपालपुर, भोपाल, देवास, दरभंगा बिहार, कोटा राजस्थान, चंपारण बिहार, बेगमगंज मेरठ, मोतिहारी बिहार से पधारे ३२ साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक राष्ट्रीय सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथी महामण्डलेश...
दामोदर विरमाल हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित
साहित्य समाचार

दामोदर विरमाल हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित

कलमकार श्री दामोदर विरमाल को हिन्दी रक्षक मंच द्वारा हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित किया गया वे अब से हिंदी रक्षक दामोदर विरमाल के नाम से जाने जाएंगे। इन्दौर। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का स्थान दिलाने व हिन्दी साहित्य के रक्षण हेतु बनाये गए हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में ३२ कवियों व साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया। हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एंव hindirakshak.com के संपादक पवन मकवाना ने बताया कि कार्यक्रम में इन्दौर सहित भारत के अलग-अलग राज्यों व शहरों झारखंड, मनावर, उज्जैन, धार, रीवा, कानपुर, देपालपुर, भोपाल, देवास, दरभंगा बिहार, कोटा राजस्थान, चंपारण बिहार, बेगमगंज मेरठ, मोतिहारी बिहार से पधारे ३२ साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथी महामण्डलेश्वर दादु महाराज, देवपुत्र के संपादक ...
श्रीमति मनीषा व्यास इंदौर म.प्र. मे हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित
साहित्य समाचार

श्रीमति मनीषा व्यास इंदौर म.प्र. मे हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित

कलमकार श्रीमति मनीषा व्यास को हिन्दी रक्षक मंच द्वारा हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित किया गया वे अब से हिंदी रक्षक मनीषा व्यास के नाम से जानी जाएंगी। इन्दौर। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का स्थान दिलाने व हिन्दी साहित्य के रक्षण हेतु बनाये गए हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में ३२ कवियों व साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया। हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एंव hindirakshak.com के संपादक पवन मकवाना ने बताया कि कार्यक्रम में इन्दौर सहित भारत के अलग-अलग राज्यों व शहरों झारखंड, मनावर, उज्जैन, धार, रीवा, कानपुर, देपालपुर, भोपाल, देवास, दरभंगा बिहार, कोटा राजस्थान, चंपारण बिहार, बेगमगंज मेरठ, मोतिहारी बिहार से पधारे ३२ साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथी महामण्डलेश्वर दादु महाराज, देवपुत्र के संपादक श...
श्रीमति रागिनी सिंह इंदौर म.प्र. मे हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित
साहित्य समाचार

श्रीमति रागिनी सिंह इंदौर म.प्र. मे हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित

इंदौर म.प्र. मे रीवा की कलमकार श्रीमति रागिनी सिंह को हिन्दी रक्षक मंच द्वारा हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित किया गया वे अब से हिंदी रक्षक रागिनी सिंह के नाम से जानी जाएंगी। इन्दौर। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का स्थान दिलाने व हिन्दी साहित्य के रक्षण हेतु बनाये गए हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में ३२ कवियों व साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया। हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एंव hindirakshak.com के संपादक पवन मकवाना ने बताया कि कार्यक्रम में इन्दौर सहित भारत के अलग-अलग राज्यों व शहरों झारखंड, मनावर, उज्जैन, धार, रीवा, कानपुर, देपालपुर, भोपाल, देवास, दरभंगा बिहार, कोटा राजस्थान, चंपारण बिहार, बेगमगंज मेरठ, मोतिहारी बिहार से पधारे ३२ साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथी महामण्डलेश्वर दादु महाराज,...
भारत भूषण पाठक इंदौर म.प्र. मे हिंदी रक्षक 2020 सम्मान से सम्मानित हुए
साहित्य समाचार

भारत भूषण पाठक इंदौर म.प्र. मे हिंदी रक्षक 2020 सम्मान से सम्मानित हुए

इंदौर म.प्र. मे दुमका झारखंड के कलमकार श्री भारत भूषणजी पाठक को हिंदी रक्षक २०२० सम्मान से सम्मानित किया गया वे आज से हिंदी रक्षक भारत भूषण के नाम से जाने जाएंगे। इन्दौर। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का स्थान दिलाने व हिन्दी साहित्य के रक्षण हेतु बनाये गए हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में ३२ कवियों व साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया। हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एंव hindirakshak.com के संपादक पवन मकवाना ने बताया कि कार्यक्रम में इन्दौर सहित भारत के अलग-अलग राज्यों व शहरों झारखंड, मनावर, उज्जैन, धार, रीवा, कानपुर, देपालपुर, भोपाल, देवास, दरभंगा बिहार, कोटा राजस्थान, चंपारण बिहार, बेगमगंज मेरठ, मोतिहारी बिहार से पधारे ३२ साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथी महामण्डलेश्वर दादु महाराज, देवपुत्र के स...
हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह एंव अखिल भारतीय कवि सम्मेलन संपन्न
देश/विदेश/प्रदेश, संपादकीय, साहित्य समाचार

हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह एंव अखिल भारतीय कवि सम्मेलन संपन्न

इन्दौर। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का स्थान दिलाने व हिन्दी साहित्य के रक्षण हेतु बनाये गए हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में ३२ कवियों व साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया। हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक एंव hindirakshak.com के संपादक पवन मकवाना ने बताया कि कार्यक्रम में इन्दौर सहित भारत के अलग-अलग राज्यों व शहरों झारखंड, मनावर, उज्जैन, धार, रीवा, कानपुर, देपालपुर, भोपाल, देवास, दरभंगा बिहार, कोटा राजस्थान, चंपारण बिहार, बेगमगंज मेरठ, मोतिहारी बिहार से पधारे ३२ साहित्यकारों को हिन्दी रक्षक सम्मान २०२० से सम्मानित किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथी महामण्डलेश्वर दादु महाराज, देवपुत्र के संपादक श्री कृष्णकुमारजी अष्ठाना, साहित्यकार श्री सूर्यकांतजी नागर भा.ज.पा. के पूर्व नगर अध्यक्ष कैलाश शर्मा, थाना अन्नपुर्णा के टी आई सतीष द्विवेदी, अजय सिसौदिया, समा...
मत भड़काओ दंगे यारो
कविता

मत भड़काओ दंगे यारो

दामोदर विरमाल महू - इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************** मत भड़काओ दंगे यारो, इन सबसे कुछ मिलता नही। बस होता है दुश्मनी का फ़ैलारा, और अमन का कमल खिलता नही। गर मिलकर रहेंगे हम सब एक, तो निपटे सुकून से काम अनेक। रखना ही है तो दिल मे रखिये, शांति धैर्य और अपना विवेक।। मेरा देश सोने की चिड़िया, था, है और अब भी रहने दो। रखो भरोसा ईक दूजे पर, कोई कुछ भी कहे कहने दो।। आपस मे ना बैर पालना, रहना हमेशा सच के साथ। करे कोई गर पीछे से घात, फिर भी करना प्रेम से बात। बापू सा समझाने वाला, अब कोई मिलता नही। मत भड़काओ दंगे यारो, इन सबसे कुछ मिलता नही। बस होता है दुश्मनी का फ़ैलारा, और अमन का कमल खिलता नही। . परिचय :- ३१ वर्षीय दामोदर विरमाल पचोर जिला राजगढ़ के निवासी होकर इंदौर में निवास करते है। मध्यप्रदेश में ख्याति प्राप्त हिंदी साहित्य के कवि स्वर्गीय डॉ. श्री बद्रीप्रसाद जी विरमाल इनके न...
नई सुबह आ रही
कविता

नई सुबह आ रही

आशा जाकड़ इंदौर म.प्र. ******************** नई सुबह आ रही विश्वास दीप जलेंगे नव उमंग जाग रही नये गीत रचेंगे।। खेत की माटी बोल रही, ओ कर्मवीर उठ जाओ। प्राणों में अब हुंकार भरो, मेहनत की फसल उगाओ। नई रोशनी आरही अंधविश्वास दूर भगेंगे नई सुबह आ रही विश्वास दीप जलेंगे।। जीत उसे हासिल होती, आशा के बल पर जीते। बाधाओं को दूर हटाके, वे नील गगन छू लेते। कर्म-आँधी चलरही श्रम- फूल खिलेंगे। नई सुबह आ रही विश्वास दीप जलेंगे।। सारे बंधन तोड कर, नई ऊर्जा से भर दें। खौफ का साया जहाँ, हौंसलों के पंख दे दें। नई लहर आ रही आत्मविश्वास जगेंगे। नई सुबह आ रही विश्वास दीप जलेंगे। चुनौतियों का सामना करो, भाग्य भरोसे बैठो नहीं। पुरुष हो पुरुषार्थ करो , बाधाओं से डरो नहीं। कर्मभूमि सज रही ज्ञानदीप जलेंगे। नव उमंग जाग रही नये गीत रचेंगे।। परिचय :- आशा जाकड़ (शिक्षिका, साहित्यकार एव...
सुन्दरता
कविता

सुन्दरता

कंचन प्रभा दरभंगा (बिहार) ******************** सुन्दरता सूरत में नही सुन्दरता गुण में होती है जो पहचाने सच्चा प्रेम जौहरीपन उनमें होती है। कोई दिखती गोरी चिट्टी किसी के नैन तीखे हैं लेकिन उसकी कुरुपता ये कि वो बड़ो की इज्जत ना सीखे है सुन्दरता सूरत में नहीं सुन्दरता खुन में होती है जो पहचाने सच्चा प्रेम जौहरीपन उनमें होती है। कितने मर मिटे नारी पर कितने घर बर्वाद हुये लेकिन सच्चा हृदय छोड़ भटक गया तु मृगनैयनी पर सुन्दरता सूरत में नही सुन्दरता प्रेमधुन में होती है जो पहचाने सच्चा प्रेम जौहरीपन उनमें होती है। . परिचय :- कंचन प्रभा निवासी - लहेरियासराय, दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहान...
कविता सुगंध
कविता

कविता सुगंध

ओमप्रकाश सिंह चंपारण (बिहार) ******************** सुगंध है व्याप्त वायु में रोम रोम को पुलकित करता तन मन को बेसुद्ध करता सरस सांस में है समाहित यह नव बसंत उत्सव जैसा खिल चुके हैं पुष्प वृंद सब आम्रकुंज में आती मंजर लता कुंज में नव पल्लव झूम रही गेहूं की बाली सरसों खिलीं कुम-कुम जैसा सुगंध है व्याप्त वायु में रोम-रोम को पुलकित करता फुदक रही है गौरैया भी गुटूर गुं की प्रणय गीत भी गा रही है वय कबूतरी। फैली धरा पर अनुपम आभा भंवरे समूह में गुंजन करते पुष्प सभी है शर्माती चुम रहे हैं ओष्ठ पुष्प का हो हो कर सब मतवाले डोल रहे हैं पुष्प डाल सब चुबंन से है थर्राते . परिचय :-  ओमप्रकाश सिंह (शिक्षक मध्य विद्यालय रूपहारा) ग्राम - गंगापीपर जिला -पूर्वी चंपारण (बिहार) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक...
तू नजर आया
कविता

तू नजर आया

सुरेखा सुनील दत्त शर्मा बेगम बाग (मेरठ) ********************** रात को जब चांद में, मुझे तू नजर आया रात में बस ख्वाब में, मुस्कुराता नजर आया। ख्वाबों में तेरा चेहरा, यूं पास नजर आया इश्क मोहब्बत का चढ़ता, खुमार नजर आया। किस से कहें दिले, जज्बात ए दास्तां किस्सा कई बार बहुत, पुराना याद आया। तुझे भी तो ये चांद कहीं, दिखता होगा बता ..क्या उसमें तुझे मेरा, चेहरा कभी नजर आया। जमाने को जब भी देखा, इन निगाहों ने मुझे चारों तरफ बस, तू ही तू नजर आया। . परिचय :-  सुरेखा "सुनील "दत्त शर्मा जन्मतिथि : ३१ अगस्त जन्म स्थान : मथुरा निवासी : बेगम बाग मेरठ साहित्य लेखन विधाएं : स्वतंत्र लेखन, कहानी, कविता, शायरी, उपन्यास प्रकाशित साहित्य : जिनमें कहानी और रचनाएं प्रकाशित हुई है :- पर्यावरण प्रहरी मेरठ, हिमालिनी नेपाल, हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) इंदौर, कवि कुंभ देहरादून, सौरभ मेरठ, काव्य...
मेरी पहचान
कविता

मेरी पहचान

विवेक सावरीकर मृदुल (कानपुर) ****************** ओ पिता! जबसे चले गये हो बहुत दूर और लोग कहते हैं कि तुम अब नहीं हो जबकि तुम अधिक रहते हो पास मेरे सुबह की धूप में दिखती है तुम्हारी हँसी छाँव में तुम्हारा वात्सल्य झलकता है शाम दिखाती है शिविर को लौटते हुए पसीने से नहाए लहुलुहान योद्धा की छवि रात को एक चिंताग्रस्त बाप बन जाती है ओ पिता! नहीं जानता था तुम्हारे जाने से पहले कि तुम्हारी यादें धँस चुकी हैं मेरे अंतर्मन में और घुल चुकी है मेरी धमनियों शिराओं में इतनी गहरी कि मेरे हर शब्द में बोलोगे केवल तुम ओ पिता! भरोसा है मुझे कि जब इस आपा-धापी से भरे जीवन में भावनाओं का सूखा पड़ जाएगा और भले बने रहने की नहीं बचेगी कोई सूरत तुम नेमत की बारिश की तरह आओगे और मेरी इंसानियत की फसल को सूखने से बचा लोगे ओ पिता! नहीं ला दूंगा तुम्हें नकली विशेषणों से नहीं करूंगा वृथा यशोगान भले ही नहीं मानूंग...
मलाल
कविता

मलाल

अमरीश कुमार उपाध्याय रीवा मध्य प्रदेश ******************** मलाल बस इतना था खयाल बस इतना, कि अभी साथ-साथ रहना था अभी कुछ दूर तक चलना था, एक बार अभी मिलना था कुछ उनसे और भी कहना था, मलाल बस इतना था।   परिचय :- अमरीश कुमार उपाध्याय जन्म - १६/०१/१९९५ पिता - श्री सुरेन्द्र प्रसाद उपाध्याय माता - श्रीमती चंद्रशीला उपाध्याय निवासी - रीवा मध्य प्रदेश शिक्षा - एम. ए. हिंदी साहित्य, डी. सी. ए. कम्प्यूटर, पी. एच. डी. अध्ययनरत आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताए...
मकर संक्रांति
कविता

मकर संक्रांति

आशा जाकड़ इंदौर म.प्र. ******************** मकर संक्रांति का पावन पर्व। हम भारतीय करते इस पर गर्व। तिल गुड़ की है इसमें मिठास दूर करती रिश्तों की खटास। तिल- गुड़ रखते काया निरोग खाओ-खिलाओ तिलगुड़-भोग। प्रेम-भाव से खूब उड़ाओ पतंग हिल-मिल रहो सभी के संग। गुड़ से मीठे रिश्ते महकते रहें परस्पर सम्बन्ध चहकते रहे। जीवन में खुशियों का रंग भरदे वासंती खुशनुमा उल्लास भरदे। रखो ऊँचा उठने की स्वकामना दूसरों को आगे बढ़ने की प्रेरणा। संक्रांति पर सभी को शुभकामना उउन्नति सफलता यश की कामना ।।   परिचय :- आशा जाकड़ (शिक्षिका, साहित्यकार एवं समाजसेविका) शिक्षा - एम.ए. हिन्दी समाज शास्त्र बी.एड. जन्म स्थान - शिकोहाबाद (आगरा) निवासी - इंदौर म.प्र. व्यवसाय - सेन्ट पाल हा. सेकेंडरी स्कूल इन्दौर से सेवानिवृत्त शिक्षिका) प्रकाशन कृतियां - तीन काव्य संग्रह - राष्ट्र को नमन...
जुबां से निकलेगा
कविता

जुबां से निकलेगा

संजय जैन मुंबई ******************** आज कल कम ही नजर आते हो। मौसम के अनुसार तुम भी गुम जाते हो। कैसे में कहूँ की तुम मुझे बहुत याद आते हो।। दर्द दिल में बहुत है किस से व्या करू। हमसफ़र बिछड़ गया। अब किसका इंतजार करू। अब जो भी मिलते है वो हंसते और हँसाते है। पर दिल के दर्द को वो बड़ा देते है।। तेरी यादों को सीने से लगाये रखा है। बीती बातो को दिल में सजाये के रखा है। अब तेरे दिल में क्या है मेरे लिए। वो तो तुझे ही पता होगा।। एक बार प्रेम से कोई शब्द बोलकर देखो। तेरा दिल फिर मेरे लिए मचलेगा। और जो दिल में तुमने दावा के रखा है। कसम उस खुदा की वो तेरे ही जुबा से निकलेगा।। . परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं हिंदी...
हर्ष, आनन्द और खुशी
मुक्तक

हर्ष, आनन्द और खुशी

रशीद अहमद शेख 'रशीद' इंदौर म.प्र. ******************** विश्व के हर देश में उत्कर्ष होना चाहिए। हर कुटी हर इमारत में हर्ष होना चाहिए। दूर हो दुनिया से सब दुख,दुराशय एवं दुराव, समापित भू से समर-संघर्ष होना चाहिए। ज़िन्दगी में हर्ष हो, आमोद हो, आनन्द हो। अब कहीं संसार में संग्राम हो ना द्वन्द हो। हों विवादित विषैले वचनों के सब व्यापार बन्द, मनुज के हर शब्द में हो अमिय या मकरंद हो! कच्चे घर में चूल्हे होते थे माटी के! आदी थे सब परंपरागत परिपाटी के! कितनी मीठी लगती थी मक्का की रोटी, कितने थे आनन्द मालवा की बाटी में! एक ओर दीपों की जगमग, दूजी ओर अंधेरा भी है! कहीं जश्न है ख़ुशहाली का, कहीं दुखों का डेरा भी है! कहीं स्नेह का रत्नाकर है,कहीं स्नेह का गहन अभाव, कहीं कमी है कुछ तेरी भी, कहीं दोष कुछ मेरा भी है! . परिचय -  रशीद अहमद शेख 'रशीद' साहित्यिक उपनाम ~ ‘रशीद’ जन्मतिथि~ ०१/०४/१९५१ जन्म ...
फिर तैयारी रख
ग़ज़ल

फिर तैयारी रख

डाॅ. हीरा इन्दौरी इंदौर म.प्र. ******************** परवाना सरकारी रख। राग सभी दरबारी रख।। दाल रखी तरकारी रख। रोटी गरम करारी रख।। आग जले चाहे दिल में। होठों पर फुलवारी रख।। जैसे मिसरी घोली हो। बोली मीठी प्यारी रख।। करजा लेने दैने की। दूर अलग बीमारी रख।। नंगा नाचे सङकों पर। कुछ तो परदादारी रख।। बात सही तेरी लेकिन। कुछ तो बात हमारी रख।। गीत गजल पढना है तो। "हीरा" फिर तैयारी रख।। . परिचय :-  डाॅ. राधेश्याम गोयल, प्रचलित नाम डाॅ. "हीरा" इन्दौरी  जन्म दिनांक : २९ - ८ - १९४८ शिक्षा : आयुर्वेद स्नातक साहित्य लेखन : सन १९७० से गीत, हास्य, व्यंग्य, गजल, दोहे लघु कथा, समाचार पत्रों मे स्वतंत्र लेखन तथा विभिन्न पत्रिकाओं में रचनाओं का पचास वर्षों से प्रकाशन अखिल भारतीय कविसम्मेलन, मुशायरों में शिरकत कर रचना पाठ, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन पर रचना पाठ विभिन्न साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्...
जागो तो
कविता

जागो तो

धैर्यशील येवले इंदौर (म.प्र.) ******************** जागो, जागो अब तो जागो मंदिर के घंटा घड़ियालों से नही जागे, न जागे गुरुजन की वाणी से अब तो जागो अधर्म के बढ़ते भीषण कोलाहल से जागो जागो अब तो जागो। सोते को जगाना सरल है पर तु तो पलके मूंदे लेटा है कब खोलेगा आँखे अपनी रिपु घर की चौखट से आ सटा है अपने लिए न सही संतानों के लिए तो जागो जागो ,जागो अब तो जागो। सोते रहने में घर गया था चला गया देश था डिगते ही स्वधर्म से सर्वस्व जाता रहा स्वामी से हो गया चाकर चाकरी करता रहा जगा रही वेदों की ऋचाएँ स्वर्णिम इतिहास की गाथाएं कह रही माटी भारत की अब तो जागो जागो, जागो अब तो जागो। हिमालय के मान के लिए गंगा के सम्मान के लिए ब्रह्मपुत्र की आन के लिए कश्मीर के वरदान के लिए कन्याकुमारी की शान के लिए मेवाड़ के अभिमान के लिए देवालयों के उत्थान के लिए अधर्म पर धर्म के रण के लिए गुरुगोविंद के बलिदान के लिए प्र...
नाज
कविता

नाज

कंचन प्रभा दरभंगा (बिहार) ******************** मुझे कुछ और जमाने से क्या उन पर मुझे बहुत ही नाज है। चाहने वाले तो उन्हे बहुत है मगर उनके दिल पर सिर्फ मेरा ही राज है मुझे कुछ और जमाने से क्या उन पर मुझे बहुत ही नाज है। उन्हे देखूँ उन्हे चाहूँ उनके साथ चलती जाऊँ अब अन्त समय तक बस यही काज है मुझे कुछ और जमाने से क्या उन पर मुझे बहुत ही नाज है। लाख शोहरत पा भी लूँ दुनिया में साथ उनके चलना ही मेरे सर का ताज है मुझे कुछ और जमाने से क्या उन पर मुझे बहुत ही नाज है। उड़ने भी लगूं गगन में पंछी की तरह उनकी हथेली ही मेरी परवाज है मुझे कुछ और जमाने से क्या उन पर मुझे बहुत नाज है। कितने ही गीत लिखूँ मैं अपनी कलम से हर गीत में छुपा हुआ उनका ही साज है हमे कुछ और जमाने से क्या उन पर मुझे बहुत ही नाज है। . परिचय :- कंचन प्रभा निवासी - लहेरियासराय, दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कवि...
अंजुमन छोड दे
ग़ज़ल

अंजुमन छोड दे

प्रमोद त्यागी (शाफिर मुज़फ़्फ़री) (मुजफ्फरनगर) ******************** इस नये हिंद की अंजुमन छोड दे अब तु अपना पुराना चलन छोड दे सिर्फ मिट्टी नहीं हर गुल है अज़ीज़ ख़ुशबू बन के महक या चमन छोड दे टुकड़े टुकड़े बिखर जायेंगे जिस्म के बंद मुठ्ठी के चैनों-अमन छोड दे नाज़ है जिन परों पे उखड जायेंगे ख़ैर है अब इसी में गगन छोड दे दोस्ती में दगा की जो आदत तेरी तु जो करता रहा आदतन छोड़ दे इश्क करना तुझे ना हो मुमकिन अगर फिर ये झूठी मुहब्बत का फन छोड़ दे सब कुर्बान है इस वतन के लिए "शाफिर" के लिए बस कफन छोड़ दे . परिचय :- प्रमोद त्यागी (शाफिर मुज़फ़्फ़री) ग्राम- सौंहजनी तगान जिला- मुजफ्फरनगर प्रदेश- उत्तरप्रदेश आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताए...
हिंदी मेरा अभिमान
कविता

हिंदी मेरा अभिमान

डॉ. बीना सिंह "रागी" दुर्ग छत्तीसगढ़ ******************** हिंदी मेरा प्यार है हिंदी मेरा अभिमान हिंदी मेरा व्यवहार है हिंदी स्वाभिमान हिंदी सरल सहज और मीठी जुबान है लोगों को फिरअंग्रेजी पर क्यों है गुमान हिंदी है मेरे माथे की बिंदी है मेरा श्रृंगार हिंदी मेरे सभ्यता संस्कृति की है पहचान भाषा में प्रख्यात और विख्यात है हिंदी क्यों जूझ रही है पाने को अपना स्थान हिंदी सुर है सरगम है संगीत है ताल है हिंदी से ही मेरा हिंद और मेरा हिंदुस्तान . परिचय :-  डॉ. बीना सिंह "रागी" निवास : दुर्ग छत्तीसगढ़ कार्य : चिकित्सा रुचि : लेखन कथा लघु कथा गीत ग़ज़ल तात्कालिक परिस्थिति पर वार्ता चर्चा परिचर्चा लोगों से भाईचारा रखना सामाजिक कार्य में सहयोग देना वृद्धाश्रम अनाथ आश्रम में निशुल्क सेवा विकलांग जोड़ियों का विवाह कराना उपलब्धि : विभिन्न संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय...
रिमझिम-रिमझिम
कविता

रिमझिम-रिमझिम

प्रीति शर्मा "असीम" सोलन हिमाचल प्रदेश ******************** रिमझिम-रिमझिम आओ फूहारों, मीठे गीत सुनाओं फुहारों। प्यारी-प्यासी इस धरती पे। प्रेम का जल बरसाओं फूहारों।। रिमझिम-रिमझिम आओं फूहारों। धान के खेत की आस पूजादों। पपीहे-चातक की प्यास बुझादों। प्रेमी-मन भीगे संग-संग। पुलकित सपनों को, आस बंधा दो। रिमझिम-रिमझिम आओं फूहारों।। मिलन के राग, सुनाओं फूहारों। सा-रे-गा-मा को सुरों में भरके। मचले मन में, तरंग उठाओं। बचपन भी, भूलकर सारे बंधन। कहों .......आ के कागज़ की नाव चलाओं। सबकी आंखों में, उल्लास बन छा जाओं। सूखी धरा हरी-भरी कर जाओं। रिमझिम-रिमझिम सावन आओं।। परिचय :- प्रीति शर्मा "असीम" निवासी - सोलन हिमाचल प्रदेश आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आद...