वजह तुम ही हो
माधुरी शुक्ला
कोटा
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जिंदगी तू ही बता,
क्यों इस कदर उदास है।
तन्हाइयो में भी यूं ही कभी
क्यों खुद की तालाश है।
आईना जब भी देखुं कभी,
खुद का अक्स नज़र आये
गमों के बादल भी मुझसे
छिटककर दूर चले जाएं।।
एक पल को ही सही,
मुस्कराने की कोई तो
वजह फिर से मिल जाय
फिर से तेरा साथ मिल जाये।
इतनी बेरुखी सी क्यो हो
क्या ख़ता हुई मुझसे,
हमारे दर्मिया दूरिया क्यो,
फिर से पास आजाओ
तेरा साथ मिल जाये।।
तन्हाइयों का हर लम्हा,
चुभता है मुझे,कब कोई
अपना आये ओर फिर से,
मुस्कराने की वजह बन जाए।।
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लेखीका परिचय :-
नाम - माधुरी शुक्ला
पति - योगेश शुक्ला
शिक्षा - एम .एस .सी.( गणित) बी .एड.
कार्य - शिक्षक
निवास - कोटा (राजस्थान)
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