रायचंद
रायचंद
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रचयिता : विजयसिंह चौहान
पिछले दिनों मां के पेट में दर्द की शिकायत को लेकर काकू-अन्नू अस्पताल पहुंचे। चिकित्सीय परीक्षण करने के बाद, चिकित्सक ने सलाह दी कि पेट में १ गेंद के बराबर गठान है, हमे भय है कि, कहीं गठान में कैंसर के जीवाणु ना हो! मशीनी परीक्षण की पुष्टि दो अन्य चिकित्सकों में भी कर दी। अब मां की शल्यक्रिया के लिए मन सहमत हो चुका था।
उधर अस्पताल में मां से मिलने वाले लोगों का जमावड़ा लगने लगा। मंजू जीजी कह रही थी कि, अस्पताल वाले लूटते हैं, आप तो अन्य पद्धति से इलाज कराओ! शोभा आंटी ने भौहे चढ़ाते हुए कहा...भला, यह कोई उम्र है मां की? जो ऑपरेशन झेलेगी? कूना भैया ने राय दी, कि इन गांठो का इलाज लेजर पद्धति से भी हो सकता है! वही राजू बेन ने तो गंडे डोरे और ताबीज का सुझाव दे डाला। जितने लोग उतनी बातें .... माँ, सभी के सुझाव के ...




















