माँ
माँ
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रचयिता : कुमुद दुबे
माँ
तुम तो" माँ" हो
और "माँ " की
कोई उप मां
हो ही नहीं सकती ।
१ वर्ष का विछोह
वह ममता
वह हिम-शीतल
वात्सल्य ।
सारी थकन,
क्लांति और
चिंताओं को
निचोड लेने वाली
तुम्हारी गोद..
अब स्मृतियों में बसती है।
सच माँ
इन बारह माहों से
ये थकन भरी क्लान्त आँखे
खोज रहीं हैं तुम्हें ....
लेखिका परिचय :- कुमुद के.सी.दुबे
जन्म- ९ अगस्त १९५८ - जबलपुर
शिक्षा- स्नातक
सम्प्रति एवं परिचय- वाणिज्यिककर विभाग से ३१ अगस्त २०१८ को स्वैच्छिक सेवानिवृत। विभिन्न सामाजिक पत्र पत्रिकाओं में लेख, कविता एवं लघुकथा का प्रकाशन। कहानी लेखन मे भी रुची।
इन्दौर से प्रकाशित श्री श्रीगौड नवचेतना संवाद पत्रिका में पाकशास्त्र (रेसिपी) के स्थायी कालम की लेखिका।
विदेश प्रवास- अमेरिका, इंग्लैण्ड एवं फ्रांस (सन् २०१०...



















