जीवन का रहस्य
शत्रुहन सिंह कंवर
चिसदा (जोंधरा) मस्तुरी
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अंध से है अंधकार
जग से है प्यार
फूलों से है खुशबू
गुंजन से है संगीत
तितिलियो से है रंग बिरंगे संसार
हरितिमा से है उजियार
शांति से है भाईचारा एकता
बादलों से है दान पुण्य
खगों से है निश्चल भाव कर्तव्य
नदियों से है सदा आगे बढ़ाना
तरु से है दें के बदले कुछ ना लेना
यही जीवन का रहस्य है
कर कर्म ना कर फल की भोग
हो जो जग अंधियार
लाओ तुम पुण्य प्रभा किरण
फैले पल पल जन जन में
हो एक नए समाज का उदय
खिले हर्षोउलाष उमंग
बने शांति प्रेम का प्रतीक
सुधारस बहे जन जन में
बस यही आशा है भारतभूमि में।
परिचय :- शत्रुहन सिंह कंवर
निवासी : चिसदा (जोंधरा) मस्तुरी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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