क्यों कोई
मालती खलतकर
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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क्यों कोई
साथ आता है
बीच राह मे आकर
छोड़ जाता है
क्यों
क्यों कोई
दया दिखाता है
और मुंह मोड़ लेता है
आखिर क्यों
क्यों कोई
सान्त्व्ना देता है
दुख मे दो
शब्द बोल कर।
क्यों
क्यों कोई
याद करते-करते
भूल जाता है
अपने स्वार्थ के लिए
क्यों कोई अपनी
छाया से डरता है
अतीत के
कर्मो के कारण
क्यों कोई हवा मे
फरफराती एक लौ
को हथेली से ढकता है
क्यों
प्रकाश के लिए न।
ये सब बुद्धिजीवी
मानव की
प्रेम, घृणा, स्वार्थ,
भय, वात्सल्य,
आन्नद, जैसे
वीर रस की
पहचान देते
साथी है
जो क्या का
उत्तर देते है।
परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर आयु ६८ वर्ष है आपने हिंदी समाजशास्श्र में एम ए एल एलबी किया है आप हिंदी में कविता कहानी लेख गजल आदि लिखती हैं व आपकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मैं प्रकाशित होते हैं आप सन १९६८ स...


















