हमारे विवाहोत्सव
मंजुला भूतड़ा
इंदौर म.प्र.
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जीवन भर के इस उत्सव को,
आओ हम समृद्ध बनाएं।
दिखावे के पर्याय बने जो,
ऐसे विवाह पर रोक लगाएं।
बनें किसी जरूरतमंद के मददगार,
नि:सहाय के लिए खोलें शिक्षा द्वार।
यूं पवित्र बंधन बने यादगार,
जरूरी तो नहीं है वैभव प्रचार।
स्वागत में हो आत्मीयता,
नहीं केवल औपचारिकता।
अतिथि भी जब हों समुचित,
तभी दे पाते सम्मान उचित।
बड़ी बारातें, सड़क पर व्यवधान,
राहगीरों का नहीं है ध्यान।
बोझिल-सा यदि हो आभास,
फिर कैसा उत्सव ये खास।
छोड़ें अनावश्यक रूढ़ी-रिवाज,
हम ही तो करेंगे बदलाव आज़।
समयानुसार परिवर्तन होगा,
तभी तो समाज सुधरेगा।
सच, पाणिग्रहण की पवित्रता को
रुढियों दिखावों में मत जकडो़।
जितना हो अति आवश्यक,
वही करो, नई राह पकड़ो।
परिचय :-
नाम : मंजुला भूतड़ा
जन्म : २२ जुलाई
शिक्षा : कला स्नातक
कार्यक्षेत्र : लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता
रचना कर्म ...