रक्षाबंधन
डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
डौण्डीलोहारा बालोद (छत्तीसगढ़)
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रिमझिम सावन की है फुहार,
रक्षाबंधन की है पावन त्यौहार।
सज-धज कर अब भाई बैठे है तैयार,
बहना बंधेगे राखी और मिलेगे उपहार।।
प्रेम-प्यार स्नेह संग खुशियां मिले अपार,
रक्षाबंधन अटूट विश्वास आशीष और दुलार।।
कच्चे धागे बांध प्रीत की है संचार,
पावन सा है राखी का त्यौहार।।
जिनकी नही है बहना वो दुखी है अपार,
सावन की झड़ी और भाई- बहन का प्यार।।
राधा की उम्मीद और कान्हा का प्यार,
मुबारक हो आप सभी को रक्षाबंधन का त्यौहार।।
परिचय :- डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
निवासी : मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा जिला-बालोद (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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