मौसम के तेवर
मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
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बदले हैं मौसम के तेवर,
गुम वसंत के रंग।
संदेहों की कुसुमित बगिया,
तंत्र पिये है भंग।।
लोभ मोह की काल कोठरी,
टूटी हर दीवार।
बेटे रहते अब विदेश में,
उर सिरजे अंगार।।
रोज़ बुढ़ापा घुटने टेके,
कटती आस पतंग।
पॉलीथिन में लुप्त हो गई,
मृत नदिया की धार।
नयी सदी की बात नयी है,
हुई जीवनी भार।।
दहक रहे दिन रातें सूनी,
बदले सारे ढंग।
बहुमंजिल इन इमारतों में,
टोटे पड़ते धूप।
झोपड़ियों की हवा छीनकर,
एसी सोते भूप।।
मकड़ी के जाले सपनों पर,
टूट रहा हर अंग।
परिचय :- मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
पति : पुरुषोत्तम भट्ट
माता : स्व. सुमित्रा पाठक
पिता : स्व. हरि मोहन पाठक
पुत्र : सौरभ भट्ट
पुत्र वधू : डॉ. प्रीति भट्ट
पौत्री : निहिरा, नैनिका
सम्प्रति : सेवानिवृत्त जिल...