कौन है
प्रभा लोढ़ा
मुंबई (महाराष्ट्र)
********************
मन बेचैन है,
न जाने किसके ढुंढ रहा है
जी चाह रहा है,
किसी को गले लगा लूँ।
किसे लगाऊ?
जो मुझे अच्छा लगे,
या मैं जिसको अच्छी लगूँ
पृथ्वी ने आकाश को चूना
सागर ने नदी को,
चाँद ने चाँदनी को,
सूरज ने रश्मि को,
मेरे मन ने उसे माँगा,
जो पहुँच से बाहर है,
जिसके स्पर्श से मैं
अनजान हूँ,
वो मेरे प्राणों को व्याकुल करता है।।
मैं ढूँढ रही हूँ उस ज्योति को,
जो जीवन राह को अंधेरे से निकाले,
मेरी मौन व्यथा को सुने
संगीत रागिनी का रस-पान कराये।।
भटक रही हूँ मैं
कौन है जिसे दूँ प्यार,
जो मुझे अच्छा लगा,
या मैं उसे अच्छी लगूँ ।।
परिचय :- प्रभा लोढ़ा
निवासी : मुंबई (महाराष्ट्र)
आपके बारे में : आपको गद्य काव्य लेखन और पठन में रुचि बचपन से थी। आपने दिल्ली से बी.ए. मुम्बई से जैन फ़िलोसफी की परीक्षा पास की। आप गृहणी की भुमिका निभाते हुए कई संस्थाओं में ...