गीता जयंती विशेष
डॉ. सर्वेश व्यास
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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इस बार २५ दिसंबर २०२० को मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि है, जिसे मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन गीता जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। गीता ऐसा ग्रंथ है जो कि बुद्धि की शरण में जाने के लिए व्यक्ति को प्रेरित करता है। वह पूर्ण वैज्ञानिक तरीके से मन को वश में करने का मार्ग बताता है। इसी संदर्भ में प्रस्तुत है कविता- हे मन
हे मन, जो तुझे प्राप्त है उसकी कद्र नहीं और अप्राप्त के पीछे भागता है।
जैसे कोई कामि पुरुष सर्वगुण संपन्न पत्नी को छोड़ पड़ोसन को ताकता है।।
इन कामनाओं का स्वभाव भी अजीब सा, समझ में नहीं आता है।
पेट भरता हूं जितना उनका, उतना खाली रह जाता है।।
सुख-चैन की आहुति देकर, मैंने इनको पाला है।
सच कहूं तो ऐसा लगता, जैसे आग में घी डाला है।।
काम, क्रोध, मद, लोभ से भरा मन, तो गंदा नाला है।
मत उलझ मर जाएगा यह तो...






















