झंझावात
डॉ. प्रताप मोहन "भारतीय"
ओमेक्स पार्क- वुड-बद्दी
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जब वायुमंडल में प्रचंड रूप से
आंधी और तूफान आता है।
यही मौसम
झंझावात कहलाता है।
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चमकती है आकाश में बिजली
और ओले भी बरसते है।
चारों तरफ होता है पानी पानी
बादल भी गरजते है।
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जब जब झंझावात आता है
मुल्क में बर्बादी आती है।
और हमारे जीवन को
अस्त व्यस्त कर जाती है।
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झंझावत प्रकृति का प्रकोप है
जब हम प्राकृतिक साधनों
का दुरुपयोग करते है
तो झंझावत आता है।
और यही फिर
प्रकृति का प्रकोप कहलाता है।
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रखें पर्यावरण का ध्यान
तभी हम झंझावात
से बच पायेंगे।
नहीं तो व्यर्थ में
जन-धन की हानि पायेंगे।
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झंझावात कभी कभी हमारे
जीवन में भी आते है।
यदि हम सावधान न रहें
तो बड़ी तबाही कर जाते है।
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परिचय : डॉ. प्रताप मोहन "भारतीय"
निवासी : चिनार-२ ओमेक्स पार्क- वुड...

















