अभिनंदन
श्रीमती शोभारानी तिवारी
इंदौर म.प्र.
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नए वर्ष का करें अभिनंदन,
आओ मिलकर खुशी मनाएं,
शुरू करें फिर से नवजीवन,
बीते कल को भूल जाएं।
हर रंग के फूल यहां पर,
यह धरती एक बगीचा है,
एक विधा की परछाई हम,
ना कोई ऊंचा नीचा है,
स्वर्णिम किरणें आसमान से,
रोली लेकर आई हैं,
प्रकृति ने अपने हाथों से,
इस धरती को सींचा है।
विश्वास के कदमों से,
पूरा आकाश झुकाएं।
शुरू करें फिर से नव जीवन,
बीते कल को भूल जाएं।
कर्म हमारा हो भलाई,
धर्म हमारा प्यार हो,
कथनी करनी में ना अंतर
नैतिकता हथियार हो,
दुख-सुख तो धूप-छांव हैं,
लेकिन समव्यवहार हो,
ऊंचाई पर पहुंचे लेकिन,
धरती ही आधार हो,
तो कर्म भक्ति का हो अनु गुंजन
गीत खुशी के गाएं,
शुरू करें फिर से नव जीवन,
बीते कल को भूल जाएं।
नए वर्ष की नूतन बेला में,
संकल्पों की बात करें,
बेटियों की अस्मिता तार-तार ना हो,
इस पर हम विचार करें,
निर्भया और दिशा की क...