एक विकृत सोच
प्रीति शर्मा "असीम"
सोलन हिमाचल प्रदेश
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अबॉर्शन.......
एक विकृत सोच का....?
समाज में,
अपनी,
विकृत मानसिकता को।
छुपाने के लिए,
अबॉर्शन करवाते हैं।
कभी बेटों के लिए,
कभी जायज- नाजायज,
संबंधों के लिए,
मानववादी सोच का,
अपहरण तक कर आते हैं।
वे लोग..........?
अपनी ऐसी विकृत सोच का
अबॉर्शन क्यों.....नहीं कराते हैं?
देश की अर्थव्यवस्था की,
जो धज्जियां उड़ाते हैं।
अपने मतलब के लिए,
षडयंत्र रचाते हैं।
भ्रष्टाचार फैला कर,
देश को ही खा जाते हैं।
धर्मों के नाम पर,
लड़ा जात- पात फैलाते हैं।
मजबूर बेसहारों पे जुल्म ढाते हैं।
झूठ -फरेब से बाज नहीं आते हैं।
ऐसी सोच का,
अबॉर्शन क्यों .......नहीं कराते हैं?
समाज और देश के,
वे लोग ....….......?
जो सभ्यता को,
लज्जित कर जाते हैं।
ना समाज का,
ना देश का भला कर पाते हैं।
अपनी विकृत सोच से नकारात्मकता बढ़ाते हैं।
सत्य को हराकर
झ...





















