बापू का सपना
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मनोरमा जोशी
इंदौर म.प्र.
आओ मिलकर करें संकल्प,
राम राज्य फिर लायेगें,
बापू के जो स्वपन अधूरे
हम साकार बनायेगें।
गाँव बनें सब राज दुलारे,
चमकें जैसे नभ के तारे,
लड़े न झगड़े आपस मे हम,
भेद भाव सब ढा़येगें।
छुआ छूत न भेद भाव हो,
जनमन के मन प्रेम भाव हो,
स्नेह सने आपस में दिखें
मिल सद भाव जगायेंगे।
बापू के जो स्वपन अधूरे,
हम साकार बनायेगें।
राम राज्य का पावन मेला
भर जाये घर घर यह मेला,
सुख संपन्न रहे जन जीवन,
ऐसे जतन जुटायेगें।
सत्य अहिंसा दिन दूनी हों
फूले फले नहीं जूनी हो,
ये सब तो सिद्धांत अमर हैं,
जग को पाठ पढ़ायेंगे।
बापू के जो स्वपन अघूरे,
हम साकार बनायेगें।
प्रातः भजन राम और सीता,
संध्या में रामायण गीता,
रघुपति राघव राम भजन से,
मोक्ष धाम पा जायेगें,
बापू के जो स्वपन अधूरें
हम साकार बनायेगें।
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लेखिका का परिचय :- श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौ...





















