चाँद निकलेगा सजन फिर श्रृंगार होगा
मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
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चाँद निकलेगा सजन जब देख फिर श्रृंगार होगा।
व्रत रखे साजन सुहागन साथ तो भरतार होगा।।
उम्र लंबी हो सजन की नित्य करती कामना है।
माँगती वरदान प्रभु से वामिनी सुख साधना है।।
देख करवाचौथ को पूजा करूँ मन मीत आजा।
गंग सी बहती चलूँ अब संग गाती गीत राजा।।
ओट चलनी देखती जिसको वही तो प्यार होगा।
सात जन्मों का निराला संग अपना मान प्रियतम।
है खनक चूड़ी झनक पायल सुनाती नित्य सरगम।।
नाक की नथनी कहे साजन सदा ही ध्यान देगा।
आज करवा चौथ को चंदा कहे प्रिय मान देगा
राम सिय जोड़ी रहे सुंदर सजन संसार होगा।
बन चकोरी राह तकती ये सुहागन देख तेरा।
प्रीत का हिय है बसेरा चाँद सीमा पार मेरा।।
अर्ध्य देती चाँद को वंदन करूँ प्रिय प्रेम पलता।
चन्द्र ले जा आज पाती दिव्य दीपक प्रेम जलता।।
डोर पावन प्रेम की पनपे यही आधार होगा।
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