चार पुरुषार्थों का कुंभ – महाकुंभ
डॉ. किरन अवस्थी
मिनियापोलिसम (अमेरिका)
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धर्म-
बारह वर्षों में मिलता महालाभ
आत्मिक बल है इसका प्रताप
आध्यात्मिक संगम का महाकुंभ
सांस्कृतिक चेतना, आस्थाकुंभ
तीर्थराज में संत समागम
पौराणिक गाथाओं का संगम।
यह मेला भक्तों का मेला
मेल कराता सुधी जनो का
आस्था के वैभव का
भावों की उत्ताल तरंगों का।
संगम भावों का स्नान कराता
ऋद्धि सिद्धि, मन में शीतलता
संतों के आत्मिक दर्शन से
जीवनदर्शन के दर्शन पा जाता
मन प्रफुल्लित हो जाता
कलुष ताप मिट जाता
भक्तिभाव से हो विव्हल
संगम में डुबकी लेकर
लीन प्रभु में हो जाता
ईश्वरतत्व से सराबोर
जीवन की उहापोह तज
धन्यभाव समा जाता।
कुंभ का मेला मेल कराता
देता आध्यात्म का आदेश
प्रचुर मात्रा में देता
संसार चलाने का संदेश।
अर्थ-
गंगाजल परम अति पावन
सकल लोक के रोग नसावन
गंगाजल अमृत, मिनरल वॉटर
यह पीकर सब पच जा...