वैक्सीन
गोविंद पाल
भिलाई, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
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वैक्सीन लगाना
किसी इंसान की
शारीरिक मृत्यु पर
मुझे उतना दुःख नहीं होता
जितना इंसानियत की मृत्यु पर
किसी देह की मृत्यु कुछ पल
कुछ घंटे, कुछ दिन
या कुछ सालों का मृत्यु है
पर इंसानियत की मृत्यु
एक युग, एक सभ्यता या
हजारों वर्षों की मृत्यु है,
किसी इंसान के मृत्यु
शाश्वत व सत्य है
पर इंसानियत की मृत्यु
सत्य की मृत्यु है,
मां की कोख में
कन्या भ्रूण का कत्ल करना
हजारों वर्षों का
मानवीय सभ्यता का कत्ल है,
बूढ़े मां बाप को वृद्धाश्रम भेजना
हजारों लाखों वर्षों के
रिश्तों की बुनियादों का
ध्वस्त हो जाना,
अमृता प्रीतम, निर्मल वर्मा, नेमीचंद
कमलेश्वर, सुनिल गंगोपाध्याय आदि
साहित्यकार व वुद्धिजीवियों की मृत्यु की खबरों से
फिल्मि नायक-नायिकाओं के जन्मदिन की खबर
महत्वपूर्ण हो जाना
हजारों वर्षों के वौद्धिक विचारों को
दरकिनार कर पंगु बना देना,
हवश...