नारी पर प्रताड़ना
सौरभ कुमार ठाकुर
मुजफ्फरपुर, बिहार
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कब तक सहूँगी प्रताड़ना,
कभी तो पूरी करो मेरी कामना।
चीख-चीखकर रो रही हूँ मै,
कभी तो मान लो मेरी कहना।
मत करो तुम मेरी अवमानना,
नही तो बाद में प पछताना।
नारी शक्ती बन कर तैयार हूँ मै,
अभी कभी मत मुझसे टकराना।
मत करो तुम किसी पर प्रताड़ना,
दहेज के लिए बहुओं को मत जलाना।
नही तो नारी चंडी बन जाएगी।
फिर मुश्किल हो जाएगा तुम्हारा जीना।
अब नही करना तुम किसी से प्रताड़ना,
अब तो है पूरा जागरुक जमाना।
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परिचय :-
नाम- सौरभ कुमार ठाकुर
पिता - राम विनोद ठाकुर
माता - कामिनी देवी
पता - रतनपुरा, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार)
पेशा - १० वीं का छात्र और बाल कवि एवं लेखक
जन्मदिन -१७ मार्च २००५
देश के लोकप्रिय अखबारों एवं पत्रिकाओं में अभी तक लगभग ५० रचनाएँ प्रकाशित
सम्मान-हिंदी साहित्य मंच द्वारा अनेकों प्रतियोगिताओं में सम्मान पत्र, सास्वत ...