या खुदा
दामोदर विरमाल
महू - इंदौर (मध्यप्रदेश)
********************
या खुदा तू मुझे बता तो दे ज़रा।
मैं अपने ईमा पे कितना उतरा हूँ खरा।
कितने लोगों को आई पसंद मेरी अदा।
में कितनो को भाया अभीतक,
और कौन मुझपे हुआ फिदा।।
कितनो के लिए मैं अच्छा हूँ,
और कितनो के लिए हुआ बुरा।
या खुदा तू मुझे बता तो दे ज़रा...
फिक्र नही फरिश्तों में गिनती हो मेरी।
सब खुश रहे बस यही विनती है मेरी।।
फिर भी आज दर्द का एहसास क्यों हुआ,
ये किसने मेरे पीठ पीछे घोंपा है छुरा।
या खुदा तू मुझे बता तो दे ज़रा...
बंदगी की तेरी मैंने रात दिन यहां।
में तेरी चौखटों पे फिरा यहां वहां।।
में अपनों की खुशी तुझसे मांगता रहा,
रखना तू मेरे अपनो को बस हरा भरा।
या खुदा तू मुझे बता तो दे ज़रा...
इस जहां में कोई भी उदास न रहे।
मजबूरी के नाम पर उपवास न रहे।।
मिले ना कोई मांगता भीख भी यहां,
सभी के सर पे छत हो सभी को आसरा।
या खुदा तू मु...



















