पुस्तक
रशीद अहमद शेख 'रशीद'
इंदौर म.प्र.
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पुस्तक अनुभव-कोष है, पुस्तक ज्ञानागार।
जग में किस पर है नहीं,पुस्तक का उपकार।
पुस्तक में इतिहास है, पुस्तक में भूगोल।
पुस्तक में है सभ्यता, पुस्तक है अनमोल।
पुस्तक में गुर ज्ञान है, पुस्तक में निर्देश।
पुस्तक में है सम्मिलित, जीवन के संदेश।
मानव के पथ-प्रदर्शक, पुस्तक हों या ग्रंथ।
लाभ ग्रहण इनसे करें, जगती के सब पंथ।
संस्मरण-अनुभूतियाँ, लेतीं पुस्तक रूप।
सकुचातीं इस रूप से, मार्तण्ड की धूप।
पुस्तक से है संस्कृति, है आचार-विचार।
पुस्तक से बढ़ता सदा, जीवन-शिष्टाचार।
पुस्तक है तो ज्ञान है, पुस्तक है तो शान।
पुस्तक से मिलता हमें, जीवन में सम्मान।
युगों-युगों से पुस्तकें, हमें दिखाएँ राह।
अच्छी पुस्तक-पठन की, किसे नहीं है चाह।
पुस्तक साथी है परम, परामर्श दे नित्य।
जब छाए भ्रम का तिमिर, बने ज्ञान-आदित्य।
शब्दों में ढलने लगें, सुन...