प्यार की कहानी
संजय जैन
मुंबई
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कैसे होती है यारो,
प्यार की शुरुआत।
सुनाता हूँ तुम्हे आज।
दिल की लगी से,
दिल मचलता है।
आंखों का आंखों से,
मिलना काफी होता है।
किसी से रोज मिलना,
कोई इत्तफाक नही होता।
दिल में दोनों के कुछ तो,
चल रहा होता है।
तभी तो एक दूसरे की आंखे,
यहां से वहां चलती है।
और वो उसे भीड़ में भी,
आसानी से खोज लेता है।
जिसे सुबह से शाम और,
शाम से रात मे ढूंढता है।
और उसी के सपनो में,
डूबा सा रहता है।
और एक नई प्यार की,
कहानी लिख रहा होता है।।
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लेखक परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुक...