प्रकृति
श्रीमती श्वेता कानूनगो, जोशी
इंदौर मध्य प्रदेश
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जब चाँद रात में तारों कि बारात में,
धीमी थी रोशनी आधी रात में
देखकर तारों को छूने का मन करता,
उस चमक को महसूस कर बहकने का दिल करता।
सवेरा होने पर सूर्य कि अरूणिमा,
धीमी-धीमी सी लालिमा मन को भानेलगती।
सूरज की तेज रोशनी में आँखों पर,
तेज धूप से एक चेहरा सा छा जाता।
दिन होने पर गर्मी मे चिड़ियों और,
कोयल की आवाज मन को तड़पाने लगती है।
शाम आते ही प्यारी सी धीमी सी हवा में,
सूर्य का अस्त होना आकाश को लाल
करके धीमी सी रोशनी बना देता है।
चाँद रात में तारों कि बारात में,
धीमी थी रोशनी आधी रात में ....
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परिचय :- श्रीमती श्वेता कानूनगो, जोशी
निवासी - इंदौर मध्य प्रदेश
जन्मतिथि - २० सितंबर १९९४
शिक्षा - बीएससी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया), एमएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,
विशेषज्ञता - टेलिविजन प्रोडक्शन
कार्यक्षेत्र - वर्तमान मैं रेनेसा...




















