बचपन
सुमन मीना "अदिति"
दिल्ली
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वो छोटी-छोटी शरारतें
वो मस्तियां, वो नादानियां
वो परियों वाली कहानियां
वो कलियां, वो तितलियां
वो खिलौनों वाली दुनियां
वो गुड्डे गुड़ियां का खेल
वो आंचल में जा छिप जाना
वो थपकियां, वो लोरियां
वो हर बात पर जिद्द करना
वो लाड़ प्यार, वो दुलार
वो बारिश बूंदों की रिमझिम
वो पैरों की छप छप
वो बारिश का पानी
वो कागज़ नांव की कश्तियां
वो मासूमियत भरी मुस्कान
वो धूल मिट्टी, वो शोर
वो कच्ची आम की कैरियां
वो पगडंडियां, वो खुशियां
वो सुनहरे सपनों से सजी रातें
वो सुकुनियत, वो बेफिक्री
वो सीधा सरल जीवन
वो नासमझी, वो निश्छलता।
“कीमत जो भी होगी चुका दूंगी...,
गर कोई लौटा देगा बचपन के इन दिनों को।”
परिचय - सुमन मीना "अदिति"
निवासी : दिल्ली
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना...






















