ठौर कहां
मालती खलतकर
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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समंदर के सैलाब का है साहिल
यादों के सैलाब का साहिल कहां
आसमां ठौर मेहताब आफताब का
चमकते सितारों का ठौर कहां।
नदियों के कल-कल में स्वर हैं
जल में पडती किरणों के
प्रतिबिंब का ठौर कहां
शून्य आकाश में उड़ते
पक्षी की फुनगी है ठौर
वृक्ष से गिरे पत्ते का ठौर है कहां।
सूरज की किरणों का ठौर है धरती
आकाश, धरती के
क्षितिज का ठौर कहां।
परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर आयु ६८ वर्ष है आपने हिंदी समाजशास्श्र में एम ए एल एलबी किया है आप हिंदी में कविता कहानी लेख गजल आदि लिखती हैं व आपकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मैं प्रकाशित होते हैं आप सन १९६८ से इंदौर के लेखक संघ रचना संघ से जुड़ी आप शासकीय सेवा से निमृत हैं पीछेले ३० वर्षों से धार के कवियों के साथ शिरकत करती रही आकाशवाणी इंदौर से भी रचनाएं प्रसारित होती रहती हैं व वर्तम...