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मेरे विचार

संयुक्त परिवार
मेरे विचार, संस्कार, संस्मरण, स्मृति

संयुक्त परिवार

=============================== रचयिता : विनोद वर्मा "आज़ाद" पांच भाई एक पुश्तैनी मकान में साथ रहते थे। जिसका पुनर्निर्माण १८००/ ठेके पर ठेकेदार ने किया था। एक बरामद, एक हाल, एक छोटा कमरा, एक दादी का कमरा, किचन, पानी की टँकी, एक शौचालय, एक बाथरूम, खुला बाड़ा, दक्षिण मुखी मकान के पूर्व में गलियारा था, ऊपर मंजिल कमरा एक था बस। पर पेड़-पौधे जगह अभाव में नही लग पाये। इसके पहले जो पुराना घर जब था उसमें बरामदा, बड़ा हाल,खोली और बाड़ा, एक टॉयलेट। बाड़े में शहतूत, कडिंग (विलायती इमली) और मीठी बोर का झाड़ यानी पेड़ पौधे लगे हुए थे। चार भाइयों की शादी हो गई थी, परिवार में माता-पिता, ४ जोड़े, दादी व एक छोटा पांचवे नम्बर का भाई, कुल जमा १२ सदस्यों का संयुक्त परिवार। संघर्षरत परिवार के पास एक सायकल के अलावा कोई वाहन नही। मांगलिक आयोजनों में बस से आना-जाना। एक रात रुकना ही, क्योंकि वाहन सुविधा नामम...