बौना हुआ ईमान
शिवदत्त डोंगरे
पुनासा जिला खंडवा (मध्य प्रदेश)
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सारी दुनिया वह कहे
जो सम्मत विज्ञान
धरती -चपटी मानते
अभी बहुत इंसान।
अड़े हुए हैं झूठ पर
जान -बूझ अंजान
अंध-श्रद्धा के सामने
बौना हुआ ईमान।
इंसाँ -इंंसाँ फर्क कर
मज़हब लीने मान
कुछ लोगों को छोड़कर
सब काफिर शैतान।
काफ़िर का जायज़ क़तल
क्या यही कहता ज्ञान
काफ़िर का कर खात्मा
हासिल करो जहान।
जो धरती पैदा हुआ
वो सब एक समान
यहाँ सभी हकदार हैं
जीव -जंतु -इंसान।
प्रेम -मुहब्बत -मुरब्बत
इंसानी पहचान
जिस मज़हब ये न रहें
वो मज़हब मुर्दा जान।
कुछ लोगों को वहम का
होने लगा गुमान
जो जितना जाहिल दिखे
वो मज़हब की शान।
परिचय :- शिवदत्त डोंगरे (भूतपूर्व सैनिक)
पिता : देवदत डोंगरे
जन्म : २० फरवरी
निवासी : पुनासा जिला खंडवा (मध्य प्रदेश)
सम्मान : राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्व...



















