जो मैने कहा दिया
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नवीन माथुर पंचोली
अमझेरा धार म.प्र.
जो मैने कहा दिया कहना नहीं था।
मुझे इस बात का हर्जा नहीं था।
मेरीआसानियाँ थी किस तरहाँ की
क़दम भर का जहाँ रस्ता नहीं था।
अग़र वो खूबसूरत है तो सोचो,
क्यों उसके सामने पर्दा नहीं था।
समन्दर है खफ़ा इन कश्तियों से,
यूँ उनका डूबना अच्छा नहीं था।
जताती है ये आँखें भूल अपनी,
हमें इस रात से लड़ना नहीं था।
लेखक परिचय :-
नाम ...नवीन माथुर पंचोली
निवास.. अमझेरा धार मप्र
सम्प्रति... शिक्षक
प्रकाशन... देश की विभिन्न पत्रिकाओं में गजलों का नियमित प्रकाशन।
तीन ग़ज़ल सन्ग्रह प्रकाशित।
सम्मान... साहित्य गुंजन, शब्द प्रवाह।
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