बसंत का स्वागत
मालती खलतकर
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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आओ-आओ, चलो-चलों रे
केशर क्यारी-क्यारी बौरायी
आंगन, द्वारे थ्वज केसरिया।
करै बसंत की अगुवाई।
आमृवृक्ष की पात-पात झूमें
गावे कोयल मतवाली।
कोमल, कोमल
रवि रश्मि में
पांखी फूल-फूल
पर मंडराती।
स्वागत करती कली,
क्लीं केतकी की
श्वेत वर्ण में सज आई
रक्त, श्वेत, पीत वर्ण में
चम्पा करें मनुहारी
आमृवृक्ष पर
अमिया झूमें
दसों दिशाओं में
सुगथ बिखरातीं।
परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर आयु ६८ वर्ष है आपने हिंदी समाजशास्श्र में एम ए एल एलबी किया है आप हिंदी में कविता कहानी लेख गजल आदि लिखती हैं व आपकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मैं प्रकाशित होते हैं आप सन १९६८ से इंदौर के लेखक संघ रचना संघ से जुड़ी आप शासकीय सेवा से निमृत हैं पीछेले ३० वर्षों से धार के कवियों के साथ शिरकत करती रही आकाशवाणी इंदौर से भी रचनाएं प्रस...

















