शहीद बिरसा मुंडा जी
देवप्रसाद पात्रे
मुंगेली (छत्तीसगढ़)
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वीर जन्मा जनजाति
अभियान के लिए
जल जंगल जमीन
स्वाभिमान के लिए
हमको देने जीवन दान,
वीरसा हो गए कुर्बान।
चले हथेली लेके जान।
वीरसा हो गए कुर्बान।।
अदम्य साहस निडर
वीरता से भरपूर।
आदिवासी क्रांतिकारी
नाम से मशहूर।
भुजा सजे तीर कमान।
वीरसा चले सीना तान।।
चले हथेली लेके जान।
वीरसा हो गए कुर्बान।।
स्वतंत्रता सेनानी आदिवासी
लोक नायक थे।
ब्रिटिश शासन हिलाने
वाले प्रेरणादायक थे।।
नीति नियम की मार,
दर्द झेल आदिवासी।
चरम पर नर-संहार,
कितने झूल गए फांसी।।
इतिहास के पन्ने बने शान
वीरसा हो गए महान।।
चले हथेली लेके जान।
वीरसा हो गए कुर्बान।।
जमी के ठेकेदार कैसे
हक छीन जाते थे?
उनके मुँह का निवाला
कैसे लूट खाते थे?
मालिकाना हक से
अब बनने लगे मजदूर।
कसूरवार ठहराए,
जबकि वो थे बेकसूर।।
आदिवासियों के शान
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