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ज़िंदगी बदल देगी यह पुस्तक : ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा
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ज़िंदगी बदल देगी यह पुस्तक : ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा

पुस्तक : ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा लेखक : शिखर चंद जैन मूल्य : २५० रुपये प्रकाशक : प्रखर गूँज प्रकाशन,दिल्ली समीक्षक : कुमार संदीप ज़िंदगी में कई ऐसे मोड़ आते हैं जब हम ज़िंदगी से मिले दर्द व तकलीफ़ से पूरी तरह टूट जाते हैं, निराश हो जाते हैं। उस वक्त हमें सबसे बड़ी ज़रूरत होती है साहस की धैर्य की। इस अवस्था में यदि हमें एक ऐसी पुस्तक यदि पढ़ने को मिल जाए जो हमारे अंदर अथाह साहस का संचार कर दे तो फिर ज़िंदगी सार्थक हो जाती है। जी हाँ, एक अच्छी पु्स्तक न केवल पढ़ने में ही अच्छी लगती है अपितु आपकी ज़िंदगी बदलने की शक्ति भी रखती है।आपने सुना भी होगा कि अन्ना हजारे एक बार आत्महत्या करने जा रहे थे,इस बीच उन्होंने एक किताब पढ़ ली और अपने उस निर्णय को सदा सर्वदा के लिए त्याग दिया। ऐसी ही प्रेरणादायक व रग-रग में कुछ अलग करने की चाह जागृत करने वाली पुस्तक है "ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा"। इस पुस्तक में लिखित हर आ...
अनसुलझे प्रश्न पर समीक्षा : अरुण कुमार जैन
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अनसुलझे प्रश्न पर समीक्षा : अरुण कुमार जैन

अरुण कुमार जैन वरिष्ठ एवं प्रसिद्ध साहित्यकार की लेखनी द्वारा की गयी 'अनसुलझे प्रश्न' लेखिका शरद सिंह पर समीक्षा कृति : अनसुलझे प्रश्न लेखिका : सुश्री शरद सिंह प्रकाशक : प्रतिष्ठा फिल्म एन्ड मीडिया , लखनऊ पृष्ठ : ९६ पेपर बैक संस्करण प्रथम संस्करण २०१९ "अनसुलझे प्रश्न" सुश्री शरद सिंह का उपन्यास व कुछ लोक कथाओं का संकलन है। ९६ पृष्ठों की इस कृति मे भावना, संवेदना, आशा, निराशा, हताशा विश्वास, मैत्री, निश्छल प्रेम, उमंग व सुन्दर भाषाभिब्यक्ति का संसार समाया है। कृति की मुख्य रचना अनसुलझे प्रश्न है। यह एक ऐसी नारी की कहानी है जो सक्षम होते हुए भीकदम कदम पर ठोकरे खाती है व अन्त मे मृत्यु का वरण कर लेती है। कृति दुखान्त है। इसमे झाकती पीडा़ बेबसी, संकोच बहुत कुछ ब्यक्त करता है। विद्यालय जाती छोटी बेटी, किशोर अवस्था का प्रेम, मार्मिक संवेदनाऐ फिर यथार्थ के धरातल पर विपन्नता के कारण बेमेल विवाह स...
मूर्खमेव जयते युगे युगे
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मूर्खमेव जयते युगे युगे

राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित" भवानीमंडी (राज.) ******************** पुस्तक समीक्षा कृति :- मूर्खमेव जयते युगे युगे लेखक :- विनोद कुमार विक्की प्रकाशक :- दिल्ली पुस्तक सदन शाहदरा,नई दिल्ली पृष्ठ:-११९ संस्करण :- प्रथम २०२० समीक्षक :- राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित" देश के ख्यातिनाम व्यंग्यकार विनोद कुमार विक्की अपनी पैनी लेखनी के लिए जाने जाते हैं। प्रस्तुत व्यंग्य कृति मूर्खमेव जयते युगे युगे के सारे लेख सामाजिक विसंगतियों व जीवन की विभिन्न समस्याओं से जुड़े हैं। राजनीति शिक्षा साहित्य जगत में सामयिक हलचल की पोल खोलते हैं। इस कृति का पहला व्यंग्य तेरी मेरी भौं भौं से लेकर अंतिम व्यंग्य स्वेदशी दीपावली तक पढ़ने से मेरे मस्तिष्क में सहसा आया कि आज का इंसान इतनी भागदौड़ करता है फिर भी उसके जीवन मे शांति नहीं है। आदमी क्या क्या जुगाड़ नहीं करता है। तेरी भौं भौं मेरी म्याऊं में नेताओ के झूंठे वादे ...
सकारात्मक अर्थपूर्ण सूक्तियाँ : पुस्तक समीक्षा
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सकारात्मक अर्थपूर्ण सूक्तियाँ : पुस्तक समीक्षा

राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित" भवानीमंडी (राज.) ******************** पुस्तक समीक्षा कृति :- सकारात्मक अर्थपूर्ण सूक्तियाँ प्रकाशक :- अयन प्रकाशन , नई दिल्ली लेखक :- हीरो वाधवानी मूल्य :-३००/- पृष्ठ :-१६७ समीक्षक :- राजेश कुमार शर्मा"पुरोहित" प्रस्तुत कृति लेखक ने अपनी माँ लीला बाई व पुत्र हैरी वाधवानी को समर्पित की है। अजमेर राजस्थान में जन्में का कार्य स्थल मनीला फिलीपींस है। आपने अभी तक अदबी आइनो, प्रेरक अर्थपूर्ण कथन और सूक्तियाँ, सकारात्मक विचार कृतियाँ लिखी है। आज कई लेखक गीत ग़ज़ल कविताएं कहानियां लिखकर संकलन निकाल रहे है परंतु हीरो वाधवानी जी नद सूक्तियों प्रेरक प्रसंगों को छपवा कर एक बेहतरीन कृति पाठको तक पहुंचाने का कार्य किया है। इस कृति के सम्बंध में बालकवि बैरागी, डॉ. पुष्पलता अधिवक्ता उच्च न्यायालय, कवि दादू प्रजापति, वन्दना वाणी, मीनाक्षी सिंह, उमाप्रसाद लोधी, हरि शर्मा सहि...
कोमल किसलय (काव्य संग्रह) : पुस्तक समीक्षा
पुस्तक समीक्षा, साहित्य

कोमल किसलय (काव्य संग्रह) : पुस्तक समीक्षा

राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित" भवानीमंडी (राज.) ******************** पुस्तक समीक्षा कृति :- कोमल किसलय (काव्य संग्रह) लेखक :- ग्यारसीलाल सेन प्रकाशक :- सुधाकर साहित्य समिति, झालावाड़ (राजस्थान) मूल्य :-१२५/- पृष्ठ :- ८९ समीक्षक :- राजेश कुमार शर्मा"पुरोहित" झालावाड़ राजस्थान के वरिष्ठ कवि एवम साहित्यकार विचारक, चिंतक ग्यारसीलाल सेन ख्यातिनाम लेखक है। आपने अपनी काव्य कृतियों से राष्ट्र में अलग ही पहचान बनाई है। नवोदित कवियों के आप प्रेरणा स्रोत हैं। प्रस्तुत कृति कोमल किसलय काव्य संग्रह उनके पिता श्री किशनलाल जी व माता केशर देवी को समर्पित कृति है। मुखावरण बहुत सुन्दर है। सेन के ट्रेवल पिक्चर्स, अभिव्यक्ति का आत्मदान, आदि निबन्ध संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। आपकी रचनाएँ राष्ट्र की पत्र पत्रिकाओं में नियमित छपती है। प्रस्तुत कृति की भूमिका देश के सुप्रसिद्ध कवि बालकवि बैरागी जी ने लिखी है ज...