Monday, May 13राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सावन से

डॉ. चंद्रा सायता
इंदौर (मध्य प्रदेश)

********************

तुम जाकर भैया से मेरे, ये संदेशा कहना
दूर बसा तू आ न सकेगी ये तेरी बहना।

भाई-बहन की प्रीत का पर्व जब-जब आता।
क्या बाबुल क्या अपने परायो को है यह हर्षाता।
रूसा रूसी मनुहार बिन मजा नहीं था आता।
नयन नीर ना तू अब अश्रु बनकर बहना।

कर में बांधकर राखी माथ तिलक लगाती।
चंदा सा मुख देख-देख मैं वारी-वारी जाती।
वह रक्षा प्रण लेता, मैं स्नेह दीप जलाती।
प्यारी प्यारी सूरत तू इन आंखों में रहना

यह देस छोड़कर तेरा यूं परदेस चले जाना।
अनचाहे ही मैंने इसको विधि-विधान है माना
टूट गया हिरदे-आंचल ताना और वाना।
ना मिल सकने का ही तो शूल मुझको सहना।

याद आज भी आते मुझको वो सावन के झूले।
वो राखी वाले हाथ कहो बहना कैसे भूले?
क्या जानू. मैं शाखों पे कब गुलाब थे फूले।
तेरा प्यार बना रहेगा मेरा जीवन गहना।
तुम जाकर भैया से मेरे ये संदेशा कहना।
दूर बसा तू आ न सकेगी ये तेरी बहना।

परिचय :- डॉ. चंद्रा सायता
शिक्षा :एम.ए.(समाजशात्र, हिंदी सा. तथा अंग्रेजी सा.), एल-एल. बी. तथा पीएच. डी. (अनुवाद)।
निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश
लेखन : १९७८ से लघुकथा सतत लेखन
प्रकाशित पुस्तकें : १- गिरहें २- गिरहें का सिंधी अनुवाद ३- माटी कहे कुम्हार से
सम्मान : गिरहें पर म.प्र. लेखिका संघ भोपाल से गिरहें के अनुवाद पर तथा गिरह़ें पर शब्द प्रवाह द्वारा तृतीय स्थान
संप्रति : सहायक निदेशक (रा.भा.) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन,श्रम मंत्रालय, भारत सरकार।
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीयहिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे सदस्य बनाएं लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *