Monday, May 20राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कचरा गाड़ी

डॉ. स्वाति सिंह
इंदौर (मध्य प्रदेश)

********************

तुम क्या सोचती हो? क्या होगा? सब कुछ ठीक होगा भी या नहीं? कब तक ऐसे ही चलता रहेगा, पता नहीं। ऊपर से वह कचरा गाड़ी में करोना का संदेश। बाप रे पूरा दिन खराब हो जाता है सुनकर।
श्रुति को उसकी बातों में कोरोना का खौंफ साफ-साफ नजर आ रहा था।
वह फिर भी बोली अरे सब कुछ सामान्य हो जाएगा। देखो चाइना पूरा खुल चुका है। तो हमारा देश क्यों नहीं। हालांकि श्रुति जानती थी कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाला देश, जहां न सुविधाएं हैं, न साधन। वहां क्या ठीक होगा। वह अंदर से बहुत डरी हुई थी। रोज के डरावने समाचार। ऊपर से ऑफिस वालों को इतने खौंफ में देखकर उसका मन डूबा जा रहा था। वह सोचने को मजबूर हो गई कि परिस्थितियां बहुत ही गंभीर हैं। उस दिन बात करने के बाद तो वह बहुत ही डरी हुई थी। रात को भी ठीक से सो नहीं सकी। अगले दिन घबराहट में वह जल्दी उठ गई और घर का काम चाय, नाश्ता इत्यादि में व्यस्त हो गई। तभी कचरा गाड़ी आ गई कोरोना का संदेश देती हुई। वही चेहरे – ड्राइवर और उसके सहायक। कोई कचरा इकट्ठा कर रहा था, तो कोई राशन की लिस्ट ले रहा था, तो कोई राशन के पैकेट दे रहा था। सब के मुंह में मास्क था। श्रुति ने भी जल्दी से मास्क लगाया, ग्लव्स पहने और फिर गाड़ी में कचरा डाला। फिर हांथ धोकर कर्मचारी से सब्जी की थैली ली और राशन राशन की लिस्ट पकड़ा दी। लिस्ट में गोला बनाते हुए कर्मचारी बोला मैडम यह सामान एक महीने बाद से शुरू होगा। मैं आपको खुद ला कर दूंगा पर अभी आपको इंतजार करना पड़ेगा। उसका लगातार दो महीने से कोरोना के इस खौंफ में आना, रोज सबको इतनी धूप में घर-घर सामान देना। पता नहीं कितने तरह के लोगों से रोज मिलना। उस पर उसका इस तरह आश्वस्त होना और कहना कि एक महीने बाद मैं खुद आपको सामान लाकर दूंगा, श्रुति के मन में विश्वास और हिम्मत जगा गया था। उसका भ्रम शायद कचरे के साथ कहीं दूर जा चुका था। परिस्थिति का सामना करने की हिम्मत जगा गया था वह एक मेहनतकश कर्मचारी।

.

परिचय :- डॉ. स्वाति सिंह
निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश
सम्प्रति : असिस्टेंट प्रोफेसर (अंग्रेजी विभाग) सेंट पॉल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, इंदौर
शिक्षा : एम. ए, एम फिल, पी एच डी (अंग्रेजी साहित्य)
अन्य : लेखक, मोटिवेशनल स्पीकर एवं एंकर


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻 hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *