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लाडो खुश रहना

हरिदास बड़ोदे “हरिप्रेम”
गंजबासौदा, विदिशा (मध्य प्रदेश)
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लाडो खुश रहना,
खुशहाल रखना परिवार,
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो…।
बेटी खुश रहना,
खुशहाल रखना परिवार,
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो…।
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो…।।

सोने की थाली में,
कंचन सा पानी,
प्राणों से प्यारी,
मेरी बिटिया रानी,
लाडो कर देना…,
बेटी कर देना, एक उपकार,
बाबुल मैया, जो चाहे हो।
बेटी कर देना, एक उपकार,
बाबुल मैया, जो चाहे हो।
“का चाहे, बाबुल मैया, का चाहे,
बाबुल मैया, जो चाहे हो।”
लाडो दे देना…,
बेटी दे देना, खुशियां हजार,
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो।
बेटी दे देना, खुशियां हजार,
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो।
लाडो खुश रहना…।
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो…।।

सोने सा अंगना में,
महके बागवानी,
फूलों से प्यारी,
मेरी बिटिया रानी,
लाडो कर देना…,
बेटी कर देना, एक उपकार,
बाबुल मैया, जो चाहे हो।
बेटी कर देना, एक उपकार,
बाबुल मैया, जो चाहे हो।
“का चाहे, बाबुल मैया, का चाहे,
बाबुल मैया, जो चाहे हो।”
लाडो रोशन करना…,
बेटी रोशन करना, घर संसार,
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो।
बेटी रोशन करना, घर संसार,
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो।
लाडो खुश रहना…।
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो…।।

सोने सी कुटिया में,
हो गई सयानी,
जन्नत से प्यारी,
मेरी बिटिया रानी,
लाडो कर देना…,
बेटी कर देना, एक उपकार,
बाबुल मैया, जो चाहे हो।
बेटी कर देना, एक उपकार,
बाबुल मैया, जो चाहे हो।
“का चाहे, बाबुल मैया, का चाहे,
बाबुल मैया, जो चाहे हो।।”
लाडो रख लेना…।
बेटी रख लेना,
तीन कुल की लाज,
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो।
बेटी रख लेना,
तीन कुल की लाज,
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो।
लाडो खुश रहना…,
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो…।
बाबुल मैया, ऐ चाहे हो…।।

परिचय :-  हरिदास बड़ोदे “हरिप्रेम”
निवासी : गंजबासौदा, जिला- विदिशा (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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