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माँ की सीख

मंजुषा कटलाना
झाबुआ (मध्य प्रदेश)
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विदा होती बेटी को प्यार से।
माँ ने ये बात सिखाई थी।
सुखमय जीवन बेटी का हो।
एक बात की गांठ बंध बाइ थी।
बेटी अपने घर मे सदा तू।
बड़ो का सम्मान है करना।
छोटो पर सदा प्रेम है रखना।
अपने घर का मान है रखना।
थोड़ा कुछ तू सह जाना।
पर दिल मे कोई बात न लेना।
उस घर के राज है तेरे।
तेरे अपने तक ही रखना।
सुख दुख का जो बना है साथी।
विश्वास का मान सदा तू रखना।
इस घर के संस्कार जो तेरे।
उस घर के आदर्श बना रखना।
मां बाप की लाडो बिटिया।
अपना सदा ध्यान तू रखना।।

परिचय :- मंजुषा कटलाना
निवासी : झाबुआ (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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