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कर्म से किस्मत

प्रीतम कुमार साहू लिमतरा, धमतरी (छत्तीसगढ़) ******************** जंग अपनी थी जंग लड़े हम लड़ के खुद सम्हल गए हम..!! दर्द था दिल में जताया नहीं अश्क आँखों से बहाया नहीं..!! राहें अपनी खुद गड़कर हम बाधाओं से खुद लड़कर हम..!! लक्ष्य मार्ग पर बढ़कर हम सफल हुए मेहनत कर हम..!! किस्मत पर भरोसा किए नहीं […]

श्रीकृष्णावतार

प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे मंडला, (मध्य प्रदेश) ******************** कृष्ण जन्मदिन मांगलिक, एक सुखद उपहार। बिखरा सारे विश्व में, गहन सत्य का सार।। कृष्ण जन्म दिन दे खुशी, सौंपे हमको धर्म। देवपुरुष सिखला गए, करना सबको कर्म।। कृष्ण जन्मदिन रच रहा, गोकुल में उल्लास। जिसने सबको सीख दी, रखना हर पल आस।। कृष्ण जन्मदिन सत्य […]

तानाशाह के पास

शिवदत्त डोंगरे पुनासा जिला खंडवा (मध्य प्रदेश) ******************* अपने वफ़ादार वर्दीधारी सैनिक थे, अपने चुने हुए जन-प्रतिनिधि थे, अपने अमले-चाकर थे, अफ़सर-मुलाज़िम-कारकुन थे, अपनी न्यायपालिका थी, अपने शिक्षा-संस्थान थे जहाँ टैंक खड़े रहते थे और तानाशाही तले जीने की शिक्षा दी जाती थी। पर तानाशाह की सबसे बड़ी ताक़त हिंसक भेड़ियों के झुण्ड जैसी वह […]

श्याम पधारो

मीना भट्ट “सिद्धार्थ” जबलपुर (मध्य प्रदेश) ******************** रक्षक बनकर श्याम पधारो, ले लो फिर अवतार। पावन भारत की धरती पर, अब जन्मो करतार।। घोर निराशा मन में छाई, मानव है कमजोर। काम क्रोध मद मोह हृदय में, थामो जीवन डोर।। शरण तुम्हारी कान्हा आए, तिमिर बढ़ा घनघोर। अब भी चीर दुशासन हरते, दुष्टों का है […]

दर्पण फूट गए

भीमराव झरबड़े ‘जीवन’ बैतूल (मध्य प्रदेश) ******************** तृषित घटों के नवाचार ही, पनघट लूट गए। कैसे हाथ मिलाएँ तट जब, पुल ही टूट गए।। कंकड़-पत्थर की दुनिया से, रूठी जलधारा। इस नभ के सूरज ने दे दी, सपनों को कारा।। आँखों से झरते फूलों पर, चल के बूट गए। कैसे हाथ मिलाएँ तट जब, पुल […]

सतरंगी दुनियां

डॉ. प्रताप मोहन “भारतीय” ओमेक्स पार्क- वुड-बद्दी ******************** क्या कड़वे पौधे से मीठे फल आ सकता है? जी हां धैर्य एक कड़वा पौधा है पर फल हमेशा मीठे ही आते है। अपना बैंक बैलेंस देखकर खुश मत होइए जनाब, ऊपर वाला हिसाब तो आपके कर्मों का करेगा। चार लोग क्या कहेंगे? अक्सर कोई भी काम […]

पे बैक

राजेन्द्र लाहिरी पामगढ़ (छत्तीसगढ़) ******************** जरा बता देना मेरे शूरवीरों जिनसे खुलकर लिए हो, उन्हें कब-कब, क्या-क्या और कितना वापस किये हो, लिया हुआ तो वापस करना पड़ता है, बहुतों ने किया है और बहुत कर रहे हैं, जिससे समाज संवर और सुधर रहे हैं, जिस समाज से आते हो, जिस समाज का खाते हो, […]

स्वतंत्रता दिवस मनायेंगे

हितेश्वर बर्मन ‘चैतन्य’ डंगनिया, सारंगढ़ (छत्तीसगढ़) ******************** आज हम स्वतंत्रता दिवस मनायेंगे, गर्व से लालकिला में तिरंगा फहरायेंगे। आजादी के लिए जिन्होंने बलिदान दिये हैं, उन वीरों के जय -जयकार हम लगायेंगे। हम भारत माँ की संतानें देश का मान बढ़ायेंगे, मातृभूमि की रक्षा खातिर अपना शीश भी कटायेंगे। सरहद ही ओर आँख उठाकर देखे […]

समय का फेरा

किरण विजय पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** किसी ने कहाँ अच्छा हूँ मै, किसी ने कहा बुरा हूँ मै, अच्छा बुरा कोई नही होता? बस समय का बदलाव है रहता। अच्छे मै सब अच्छा लगता, बुरे मे सब बुरा दिखता, सोच-सोच का फर्क है मन मै, यही समय का फेरा रहता। बुरा वक्त […]

आभा

मालती खलतकर इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** शान की सिन्दुरी आभा मे तरू परछाई दैत्य सी लगती है खपरेलो से निकलता धुंआ तुफानी आभास देता है। क्षितिज से मिलती सिन्दुरी आभा को निलाम्बर ताकता रह जाता है सोचता है यह मिलन क्षणिक है फिर तो मैं अपने स्थान पर ठीक हूँ। परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर […]

मेरे माधव

डॉ. राजीव डोगरा “विमल” कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) ******************** माधव तेरे शहर के लोग अक्सर मोहब्बत का नाम लेकर डसते हैं। माधव तेरे शहर के लोग नाम तो तेरा लेते है पर तुम जैसी प्रेम प्रीति न करते हैं। माधव तेरे शहर के लोग कान्हा-कान्हा तो करते हैं मगर तुम जैसा रण में साथ न देते […]

ये कैसी आजादी है

छत्र छाजेड़ “फक्कड़” आनंद विहार (दिल्ली) ******************** ये कैसी आजादी है भूखा पेट, नंगा बदन मन-घाव सारे मवादी है ये कैसी आजादी है गांधी ने कब सोचा था देश जलेगा पेट की आग में जात-धर्म नाम पर लड़ेंगे क्या यही लिखा था भाग में रहे भूखा या फिर नंगे बदन करने काम जेहादी है ये […]

भारत माता का वंदन

प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे मंडला, (मध्य प्रदेश) ******************** अंधकार में हम साहस के, दीप जलाते हैं। आज़ादी के मधुर तराने, नित हम गाते हैं।। चंद्रगुप्त की धरती है यह, वीर शिवा की आन है। राणाओं की शौर्य धरा यह, पोरस का सम्मान है।। वतनपरस्ती तो गहना है, हृदय सजाते हैं। आज़ादी के मधुर तराने, […]

बीर सपूत रइ हंव न

राजेन्द्र लाहिरी पामगढ़ (छत्तीसगढ़) ******************** (छत्तीसगढ़ी कविता) मैं तो देस के बीर सपूत रइ हंव न, दाई के पूत हंव पूत रइ हंव न, कचरा हम उठाथन रे संगी भुइयां ल सफा बनाथन, कचरा बगराने वाला मन के मुंह ले कचरा वाला कहाथन, हमर पीरा ल नइ समझय कोनो कुहरतसे पीरा म कमाथन, का घाम […]

शहीदों की कुर्बानी

हितेश्वर बर्मन ‘चैतन्य’ डंगनिया, सारंगढ़ (छत्तीसगढ़) ******************** आजादी का ये पल शहीदों की मेहरबानी है, शीश कटाने वाले देशभक्तों की कुर्बानी है। सदियों तक अमर रहेगी स्वतंत्रता की ये कहानी है , तिरंगे की लाल रंग बलिदान की अमर निशानी है। स्वतंत्रता के लिए वीरों का वर्षों तक संघर्ष हुआ, तब जाकर देश में आजादी […]

सपनों का घर

भीमराव झरबड़े ‘जीवन’ बैतूल (मध्य प्रदेश) ******************** क्यों रहना है पीछे मैं भी, चलूँ अगाड़ी में। बना रहा है सपनों का घर, चिन्टू बाड़ी में।। पाँच दशक जीवन के फूँके, छप्पर-छानी में। टूटे काँधे, दुख ढो बदली, देह कमानी में।। जाग रही पर मृग मरीचिका, उभरी नाड़ी में।। बी पी यल का लाभ उठाने, चूल्हा […]

गांव से ग्लोबल तक

अभिषेक मिश्रा चकिया, बलिया (उत्तरप्रदेश) ******************** धान की खुशबू, मिट्टी की सौंधी, पगडंडी का मीठा गान, बरगद, पीपल, नीम की छाया, झोंपड़ियों में सपनों का मान। बैलगाड़ी की धीमी चाल में, कच्चे आँगन का था सिंगार, हाट-बाज़ार की चहल-पहल में, गूँजते थे लोक-पुकार। पर आई जब गुलामी की आँधी, सूख गए खेतों के गुलाल, माँ […]

नशे की लत

निकिता तिवारी हलद्वानी (उत्तराखंड) ******************** क्यों में सबसे दूर हो रही हूँ ना चाहते हुए भी फोन पकड़ रही हु क्या खूबियाँ है इंस मोबाइल में जो मैं खिची चली जा रही हु इसे देखकर समय बरबाद कर रही हूँ मन भी नहीं भरता जो छोडू साथ पागलपन छाया इतना सुन ना पाऊ किसी की […]

मातरम्

सूर्यपाल नामदेव “चंचल” जयपुर (राजस्थान) ******************** शिवालयों से शंखनाद हुआ है गुरुवाणी गुरुद्वारे से। कानों ने अजान सुनी फिर गूंज उठा हर चौबारे से।। मातरम्, मातरम्, वंदे मातरम्, वंदे मातरम्।। तोड़ पुरानी जंजीरों को आज नया इतिहास लिखें, गर्म लहू की धाराओं से राष्ट्रभूमि का श्रृंगार करें। मिट्टी से उपजे मिट्टी को ही बलिहार करें, […]

प्रकृति पूजक आदिवासी

मोहर सिंह मीना “सलावद” मोतीगढ़, बीकानेर (राजस्थान) ******************** विश्व आदिवासी दिवस ९ अगस्त को पूरे विश्व में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भारत में सबसे पहले से रहने वाले आदिम लोगों के बंशज आदिवासी ही है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार लगभग ११ करोड़ आबादी हैं जो भारत की लगभग 8.५ प्रतिशत […]

शिव की उपासना

अनन्तराम चौबे “अनन्त” जबलपुर (म.प्र.) ******************** शिव उपासना करूं वंदना शिव की भक्ति है आराधना। शिव शंकर भोले भंडारी से मन से करूं हमेशा प्रार्थना। शिव की भक्तिं करूं वंदना मां पार्वती हैं दुर्गा शक्ति। शिव पार्वती दोनों की है पूरे ब्रह्मांड की अद्भुत शक्ति। शिव शंकर भोले भंडारी लीला सबसे उनकी न्यारी। जगत पिता […]

नियति नटी का खेल

राधेश्याम गोयल “श्याम” कोदरिया महू (म.प्र.) ******************** सपने सभी बिखर गए, अनचाही चाह में, मित सब बिछड़ गए, अनजानी राह में। हम अकेले रह गए, ठगे-ठगे से हो गए, बंदगी से जिंदगी का मेल देखते रहे। नयन से नियति नटी का खेल देखते रहे। समझ सके न जब तलक जिंदगी की चाल को, लुट कर […]

किस-किस से नफरत करोगे …?

राजेन्द्र लाहिरी पामगढ़ (छत्तीसगढ़) ******************** दो चार महिलाओं ने उठा क्या लिया गलत कदम, पुरुषत्व सोच में रंगा क्यों निकल रहा तुम्हारा दम, स्त्रियों पर होते आए अत्याचार क्यों नहीं देख पाती तुम्हारी आंखें, अपने किये गये वीभत्स गुनाहों पर बताते क्यों नहीं दो चार बातें, नारी के प्रति तुम्हारी सोच आज हो चुका निम्न […]

वीर सपूत

प्रीतम कुमार साहू लिमतरा, धमतरी (छत्तीसगढ़) ******************** आजादी के वीरों सपूतों का, आओ यश गान करें! श्रद्धा, सुमन अर्पित कर, उनका हम सम्मान करें !! कतरा कतरा खून देकर, जो देश बचाया करते है..! ऐसे वीर सपूतों का, हम सब यश गाया करते है !! घर से दूर सरहद में रहकर, देश का गान करते […]

जीवों की आजादी

श्रीमती क्षिप्रा चतुर्वेदी लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************** खुश हो लो फिर आज आजाद देश मे आजाद हो तुम, दर्द, भूख, गुलामी से अब भी तड़प रहे हैं हम!! तुम जैसे ही जीव हैं हम, तुम जैसा ही है जीवन, क्यूँ हमको नित आहत करते हो क्यूँ कैद में हमको रखते हों?? जिव्हा को क्षणिक स्वाद […]