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श्रीकृष्णावतार
प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे मंडला, (मध्य प्रदेश) ******************** कृष्ण जन्मदिन मांगलिक, एक सुखद उपहार। बिखरा सारे विश्व में, गहन सत्य का सार।। कृष्ण जन्म दिन दे खुशी, सौंपे हमको धर्म। देवपुरुष सिखला गए, करना सबको कर्म।। कृष्ण जन्मदिन रच रहा, गोकुल में उल्लास। जिसने सबको सीख दी, रखना हर पल आस।। कृष्ण जन्मदिन सत्य […]
तानाशाह के पास
शिवदत्त डोंगरे पुनासा जिला खंडवा (मध्य प्रदेश) ******************* अपने वफ़ादार वर्दीधारी सैनिक थे, अपने चुने हुए जन-प्रतिनिधि थे, अपने अमले-चाकर थे, अफ़सर-मुलाज़िम-कारकुन थे, अपनी न्यायपालिका थी, अपने शिक्षा-संस्थान थे जहाँ टैंक खड़े रहते थे और तानाशाही तले जीने की शिक्षा दी जाती थी। पर तानाशाह की सबसे बड़ी ताक़त हिंसक भेड़ियों के झुण्ड जैसी वह […]
श्याम पधारो
मीना भट्ट “सिद्धार्थ” जबलपुर (मध्य प्रदेश) ******************** रक्षक बनकर श्याम पधारो, ले लो फिर अवतार। पावन भारत की धरती पर, अब जन्मो करतार।। घोर निराशा मन में छाई, मानव है कमजोर। काम क्रोध मद मोह हृदय में, थामो जीवन डोर।। शरण तुम्हारी कान्हा आए, तिमिर बढ़ा घनघोर। अब भी चीर दुशासन हरते, दुष्टों का है […]
दर्पण फूट गए
सतरंगी दुनियां
पे बैक
स्वतंत्रता दिवस मनायेंगे
हितेश्वर बर्मन ‘चैतन्य’ डंगनिया, सारंगढ़ (छत्तीसगढ़) ******************** आज हम स्वतंत्रता दिवस मनायेंगे, गर्व से लालकिला में तिरंगा फहरायेंगे। आजादी के लिए जिन्होंने बलिदान दिये हैं, उन वीरों के जय -जयकार हम लगायेंगे। हम भारत माँ की संतानें देश का मान बढ़ायेंगे, मातृभूमि की रक्षा खातिर अपना शीश भी कटायेंगे। सरहद ही ओर आँख उठाकर देखे […]
समय का फेरा
आभा
मालती खलतकर इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** शान की सिन्दुरी आभा मे तरू परछाई दैत्य सी लगती है खपरेलो से निकलता धुंआ तुफानी आभास देता है। क्षितिज से मिलती सिन्दुरी आभा को निलाम्बर ताकता रह जाता है सोचता है यह मिलन क्षणिक है फिर तो मैं अपने स्थान पर ठीक हूँ। परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर […]
मेरे माधव
ये कैसी आजादी है
भारत माता का वंदन
बीर सपूत रइ हंव न
शहीदों की कुर्बानी
हितेश्वर बर्मन ‘चैतन्य’ डंगनिया, सारंगढ़ (छत्तीसगढ़) ******************** आजादी का ये पल शहीदों की मेहरबानी है, शीश कटाने वाले देशभक्तों की कुर्बानी है। सदियों तक अमर रहेगी स्वतंत्रता की ये कहानी है , तिरंगे की लाल रंग बलिदान की अमर निशानी है। स्वतंत्रता के लिए वीरों का वर्षों तक संघर्ष हुआ, तब जाकर देश में आजादी […]
सपनों का घर
भीमराव झरबड़े ‘जीवन’ बैतूल (मध्य प्रदेश) ******************** क्यों रहना है पीछे मैं भी, चलूँ अगाड़ी में। बना रहा है सपनों का घर, चिन्टू बाड़ी में।। पाँच दशक जीवन के फूँके, छप्पर-छानी में। टूटे काँधे, दुख ढो बदली, देह कमानी में।। जाग रही पर मृग मरीचिका, उभरी नाड़ी में।। बी पी यल का लाभ उठाने, चूल्हा […]
गांव से ग्लोबल तक
अभिषेक मिश्रा चकिया, बलिया (उत्तरप्रदेश) ******************** धान की खुशबू, मिट्टी की सौंधी, पगडंडी का मीठा गान, बरगद, पीपल, नीम की छाया, झोंपड़ियों में सपनों का मान। बैलगाड़ी की धीमी चाल में, कच्चे आँगन का था सिंगार, हाट-बाज़ार की चहल-पहल में, गूँजते थे लोक-पुकार। पर आई जब गुलामी की आँधी, सूख गए खेतों के गुलाल, माँ […]
नशे की लत
मातरम्
सूर्यपाल नामदेव “चंचल” जयपुर (राजस्थान) ******************** शिवालयों से शंखनाद हुआ है गुरुवाणी गुरुद्वारे से। कानों ने अजान सुनी फिर गूंज उठा हर चौबारे से।। मातरम्, मातरम्, वंदे मातरम्, वंदे मातरम्।। तोड़ पुरानी जंजीरों को आज नया इतिहास लिखें, गर्म लहू की धाराओं से राष्ट्रभूमि का श्रृंगार करें। मिट्टी से उपजे मिट्टी को ही बलिहार करें, […]
प्रकृति पूजक आदिवासी
मोहर सिंह मीना “सलावद” मोतीगढ़, बीकानेर (राजस्थान) ******************** विश्व आदिवासी दिवस ९ अगस्त को पूरे विश्व में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भारत में सबसे पहले से रहने वाले आदिम लोगों के बंशज आदिवासी ही है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार लगभग ११ करोड़ आबादी हैं जो भारत की लगभग 8.५ प्रतिशत […]
शिव की उपासना
अनन्तराम चौबे “अनन्त” जबलपुर (म.प्र.) ******************** शिव उपासना करूं वंदना शिव की भक्ति है आराधना। शिव शंकर भोले भंडारी से मन से करूं हमेशा प्रार्थना। शिव की भक्तिं करूं वंदना मां पार्वती हैं दुर्गा शक्ति। शिव पार्वती दोनों की है पूरे ब्रह्मांड की अद्भुत शक्ति। शिव शंकर भोले भंडारी लीला सबसे उनकी न्यारी। जगत पिता […]
नियति नटी का खेल
किस-किस से नफरत करोगे …?
राजेन्द्र लाहिरी पामगढ़ (छत्तीसगढ़) ******************** दो चार महिलाओं ने उठा क्या लिया गलत कदम, पुरुषत्व सोच में रंगा क्यों निकल रहा तुम्हारा दम, स्त्रियों पर होते आए अत्याचार क्यों नहीं देख पाती तुम्हारी आंखें, अपने किये गये वीभत्स गुनाहों पर बताते क्यों नहीं दो चार बातें, नारी के प्रति तुम्हारी सोच आज हो चुका निम्न […]
