सब शौक हुए पूरे
प्रेम नारायण मेहरोत्रा
जानकीपुरम (लखनऊ)
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अब सांसों को जीना है।
अमृत ज्ञान दे रहा ईश्वर,
अब बस उसको ही पीना है।
सब शौक........
दी हमको श्रेष्ठ योनि,
उपकार है प्रभु का।
परिवार दिया उत्तम,
ये प्यार है प्रभु का।
दायित्व जो भी देता,
पूरे वही कराता।
जैसे भी प्रभु रक्खे,
वैसे हमें जीना है।
सब शौक........
सृष्टि का वो सृजन कर रहा,
ये है कार्य प्रभु का।
सृष्टि को पोषण भी,
एक कार्य है प्रभु का।
गिनती की मिली सांसे,
निश्चित है ये रुकेंगी।
जो भी बची हैं उनको,
सुमिरन में लगाना है।
सब शौक............
मानव की योनि ईश्वर,
मुक्ति के हेतु देता।
बुद्धि विवेक देकर,
वो श्रेष्ठ बना देता।
प्रभु नाम में ही रमकर,
मुक्ति हमें पाना है।
सब शौक..........
परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा
निवास : जानकीपुरम (लखनऊ)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि म...


