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Tag: डॉ. शीतल पाण्डेय

बस्तों का बोझ
कविता, बाल कविताएं

बस्तों का बोझ

*********** रचियता : डॉ. शीतल पाण्डेय कहते बच्चों के कंधे झुककर। न बढाओ बस्तों का बोझ हमपर।। रट रट बेहाल हुआ बचपन। नैतिक ज्ञान का पढ़ा ना एक अक्षर।। छूट गया गलियों से नाता। गिल्ली डंडा वो खेल तमाशा।। पलटते किताबों के पन्ने। दिन हवा बन उड़ जाता।। मासूम मन समझ न पाए। छीना जा रहा क्यों उनसे बचपन।। कहते बच्चों के कंधे झुककर। न बढाओ बस्तों का बोझ हमपर।। सुबह उठ मचती भागम भाग। होती परेड और वही बोझिल क्लास।। गुम हो गया बचपन का एहसास। मेरिट बन गई क्यों माता पिता की आस।। मासूम आँखें करती यही सवाल। हमारे अपने रखते नहीं हमारा खयाल।। कहते बच्चों के कंधे झुककर। न बढाओ बस्तों का बोझ हमपर।।   लेखक परिचय :- डॉ. शीतल पाण्डेय ... पी. एच डी - हिन्दी साहित्य निवासी : इंदौर (म.प्र.) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते...
बचपन की यादें
कविता

बचपन की यादें

*********** रचियता : डॉ. शीतल पाण्डेय बच्चों को हँसते देखा जब बारिश की बूंदों में। यादें हो गई ताजा बालमन की, सोइ पड़ी थी जो कोने में।। . कितने खुश होते थे हम भी बरसता था जब पानी। कही छपा छप होती थी कही चलती नाव मस्तानी।। . डाट माँ की खाते हो जाते जब भी बीमार। रहता था फिर भी हमे पहली बारिश का इंतजार।। . भीनी भीनी गंध माटी की मन को बहुत लुभाये। छोड़ उदासी बगियाँ में फूल भी मुस्काये।। . माँ के हाथ के गरम पकोड़े सब मिल कर जब खाते। बारिश की बूंदों के साथ मन के मेल धूल जाते।। . जीवन की आपाधापी में टूट गई सब लड़ियाँ। यादे बन कर रह गई बचपन की वो खुशियाँ।। . लेखक परिचय :- डॉ. शीतल पाण्डेय ... पी. एच डी - हिन्दी साहित्य निवासी : इंदौर (म.प्र.) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां,...