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Tag: रीतु देवी

शिक्षक
हाइकू

शिक्षक

********** रीतु देवी "प्रज्ञा" शिक्षक दीप आलोकित करते अंधेरी रात पाथर पर सुमन हैं खिलाते जीवन भर सहन कर मौसमों की मार अटल रह कर निर्माण आने वाली पीढी को लिए मुस्कान विकास दीया बिखरे नव पुंज इच्छा है हिया   लेखीका परिचय :-  नाम - रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें...🙏🏻 आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हे...
मेरे गिरधर
कविता

मेरे गिरधर

================== रचयिता : रीतु देवी मेरे गिरधर, मेरे गोपाल मुरली मनोहर , नंद के लाल तेरी मुरली की धुन सुन बजती है पायल रूनझुन। दर्शन करूँ तेरी छवि निराली, नित्य गाऊँ भजन सजाकर थाली। मोर मुकुट शोभे तोहे शिश, रम जाऊँ तुझमें ,माँगू न भीख मुरली मनोहर रखे हस्त मेरे शिश सदा, भक्त रहूँ केशव तेरा सर्वदा।   लेखीका परिचय :-  नाम - रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें...🙏🏻 आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीज...
वन्दे मातरम् गाते रहेंगे
कविता

वन्दे मातरम् गाते रहेंगे

============================== रचयिता : रीतु देवी वीर रस गीत वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम् गाते रहेंगे। सीमा पार घुसपैठियों को न आने देंगे।। हम संतान हैं वीरांगनाएं माताओं की मुँह तोड़ जवाब देगें शत्रुओं की गोलियों की चिंगारी बन हम राख कर देंगे हर कैम्प दुश्मनों के बुरी नजर फोड़ मुस्कान लाऐंगे होठों माँ-बहनों के वन्दे मातरम् ,वन्दे मातरम् , वन्दे मातरम् गाते रहेंगे। सीमा पार घुसपैठियों को न आने देंगे।। हर प्रहार सहेंगे भारतभूमि शान वास्ते हँसते-हँसते आँच न कभी आने देंगे माँ भारती पर सस्ते-सस्ते निकल बाहर आऐंगे रिपुओं के चक्रव्यूह तोड़कर जश्न मनाऐंगे बुरे मंसूबों पर पानी फेरकर वन्दे मातरम् ,वन्दे मातरम् , वन्दे मातरम् गाते रहेंगे। सीमा पार घुसपैठियों को न आने देंगे।। याद दिलाकर छठी का दूध धूल चटा देंगे युद्ध मैदान में सबक सिखाकर थर -थर रूह कंपा देंगे शैतान के मौत की नींद सुला दें...
नीर
कविता

नीर

============================== रचयिता : रीतु देवी जब से तुझसे जुदा हुयी, पानी की तरह अनवरत आँसू बहती रही। लाख कोशिशों बाबजूद न छुपा पाती, बूंद इसके मोती बनकर सबके समक्ष बिखर जाती, हाल ऐ दिल बहुत नाजुक है साजन, काजल भी बह जाए इन नयनों से पानी बनकर साजन। लगता है जैसे समंदर बना है मेरे नयनों में तेरी याद में लहरें उठती रहती हैं सपनों में क्या करूँ कुछ समझ न पाऊँ? हाल ऐ दिल मैं किसे सुनाऊँ।   लेखीका परिचय :-  नाम - रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोब...
कदम
हायकू

कदम

============================== रचयिता : रीतु देवी   कदम बढा मेहनत करके मस्तक उठा पीछे न देख निगाह सामने रख लक्ष्य तू भेद कठिन पथ मत तू घबराना बढाना पग हर कदम नयी है चुनौती जोश न कम रूक न कभी मिलता है मंजिल हौसला रख अभी   लेखीका परिचय :-  नाम - रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें...🙏🏻 आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबा...
मानव धर्म
लघुकथा

मानव धर्म

============================== रचयिता : रीतु देवी देखते-देखते बाढ का पानी पूरे गाँव में प्रवेश कर गया है। कयी घरें भी डूब गये हैं। सुगिया का घर भी डूब गया है। सुगिया रमा के घर में काम करती है। बदहवास होकर सुगिया रमा के घर आती है। "मालकिन! हमलोग कैसे रहेंगे? हमलोग प्रकृति की इस लीला के प्रकोप से बचने के लिए कहाँ जाए? सुगिया रमा से बोली। "तुम मेरे यहाँ आ जाओ। ईश्वर सब ठीक कर देंगे। रमा सुगिया को सांत्वना देते हुए बोली। नहीं! चमार, डोम जाति सब इस घर में नहीं रहेंगे। हमारा ब्राह्मण धर्म नष्ट हो जाएगा।" रमा का पति रवि ने मना किया। फिर भी रमा सुगिया को बच्चों सहित घर में शरण देती है। "मैं मानव धर्म का पालन करूँगी। इस विपत्ति की घड़ी में सुगिया के साथ रहूँगी। आप भी अपना सोच बदले। "रमा बोली। रवि नाराज होकर वहाँ से चला जाता है। लेखीका परिचय :-  नाम - रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, ...
सावन आयो रे
कविता

सावन आयो रे

============================== रचयिता : रीतु देवी सावन आयो रे मास मनभावन आयो रे हरी हरी चादर बिछी चहुँ ओर, प्रफुल्लित तन मन नाचे होकर विभोर। सावन आयो रे मास मनभावन आयो रे सब सखी हिलमिल झूले झूला, प्रेम पंखुरी सबके अंतर्मन खिला। सावन आयो रे मास मनभावन आयो रे बरसे रिमझिम वर्षा फुहार, पग बढ चले शिव जी द्वार। सावन आयो रे मास मनभावन आयो रे शिव जी से मांगे सजनी, सजना का प्यार बेशुमार आकर भोले बाबा धरा पर, भक्तों को दें मनवांछित उपहार। सावन आयो रे मास मनभावन आयो रे दिल में बजे नव धुन की शहनाई हरकर सूखापन सबने ली आंगराई। सावन आयो रे मास मनभावन आयो रे लेखीका परिचय :-  नाम - रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित क...
जीते हैं, जीतेंगे हम
कविता

जीते हैं, जीतेंगे हम

============================== रचयिता : रीतु देवी हमने पीछे पलटकर देखना नहीं, मुश्किलों से हमें घबराना नहीं, दृढ अटल होकर बढाना है कदम, जीते हैं, जीतेंगे हम। सहना है काँटों की चुभन, चलना है बिना परवाह किए तपन, छू लेंगे आसमां, है हममें दम जीते हैं, जीतेंगे हम। जब साथ है करोड़ों हाथों का साथ, न कम होने देंगे आत्मविश्वास हमारे नाथ, नयी ऊर्जा से लबरेज रहेंगे हरदम, जीते हैं, जीतेंगे हम। लेखीका परिचय :-  नाम - रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल...
आश
लघुकथा

आश

============================== रचयिता : रीतु देवी चाची जोर, जोर से रोए जा रही थी, "अब मैं किसके सहारे रहूँगी? जीवन का अंतिम आश का धागा भी टूट गया। मंगला ग्वालिन लड़की को भगाकर ले गया। अब दिल्ली से कभी नहीं आएगा।" "हमलोग आपके साथ हैं। आपकी हर मुसीबतों को हंँसते-हँसते सुलझा देंगे। मंगला आपका सच्चा लाल है, अवश्य आएगा। पड़ोस की औरते चाची की आँसू पोछते हुए बोली। रो-रोकर चाची आँखें फुला ली। आपस में सभी औरते बात कर रही थी,  बेचारी चाची, किस्मत में ही हर्ष के क्षण विधाता नहीं लिखे हैं। मंगला जब छ: महीने का था तब ही पति का स्वर्गवास कैंसर बीमारी से हो गया। वह खुद को बहुत मुश्किल से संभालकर मंगला का पालन-पोषण की थी। मंगला चाचाजी की जीने की आश था, वह भी छोड़कर बिन कहे लड़की के साथ भाग गया।" "हाँ बहन, आज के बच्चे माता-पिता के ममता, प्यार को महत्व नहीं देते।" पड़ोस की सुषमा बहन बोली। लेखीका परिचय :-...
चाँद से चेहरे
कविता

चाँद से चेहरे

============================== रचयिता : रीतु देवी न आए कभी शिकन चाँद से चेहरे पर, देख उसे अंग-अंग होता मेरा तर। मुसीबतें सारी निगल जाऊँ पल भर में बस जाऊँ उसके मन मन्दिर में वारती उस चाँद पर अपना सर्वस्व, बंध गया दिल उससे अपना स्वत्त्व। लगन लगी प्रीतम संग सुबह-शाम, होठों पर रहे सिर्फ उनका नाम, प्रेम रस पी रहे हर्षित हरदम, प्रेम गली मस्त रहे बनकर हमदम। जहां में जाए कहीं भी, सूरज की तपिश न सताए कभी।   लेखीका परिचय :-  नाम - रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कवि...
मैं आजाद हूँ
कविता

मैं आजाद हूँ

============================== रचयिता : रीतु देवी पंछी बन मैं डाल-डाल उड़ती हूँ , प्रगति रथ पर चढ अग्रसर होती हूँ, जमाने की बंदिशें रोक न सकती, पिंजरे में कैद हो न सकती, हिन्दुस्तान देश की मैं नाज हूँ , बाँध सके न कोई मैं आजाद हूँ। नील गगन को चूमने चली हूँ , ऊँचे शिखर चढने चली हूँ , अनंत शक्ति है मेरे बाँहों में रोड़ें हटाकर आगे बढूँ राहों में घर-आँगन संगीत की मैं साज हूँ , बाँध सके न कोई मैं आजाद हूँ। करती रहती हूँ नव-क्रांति की आगाज, संग मेरे है अरबों भारतीयों की बुलंद आवाज, शिक्षा की पाठ पढ लौ जलाने चली हूँ , इंसानियत की पाठ पढने -पढाने चली हूँ , मिली है मुझे तीव्र गति मैं बाज हूँ , बाँध सके न कोई मैं आजाद हूँ। विचार अभिव्यक्ति करने की मिली है स्वतंत्रता, फूल से अंगार बन करूँगी दमन सभी परतंत्रता , कार्य करने की है मुझमें असीम उर्जा , बनना है मुझे राष्ट्र का नवीन सूर...
तेरे बिन दर्पण लगता झूठा
कविता

तेरे बिन दर्पण लगता झूठा

============================== रचयिता : रीतु देवी झूठ को सच बयां करता दर्पण, सारे भाव हम अपना करते अर्पण, फिर भी तेरे बिन झूठा लगता दर्पन, हूँ बाबड़ी करूँ मुखमंडल तेरे नयनों में दर्शन। देख तेरे चक्षुओं में अपना मुख, प्राप्त होती मुझे सांसारिक अलौकिक सुख। गाऐं तू श्रृंगार रस , करूँ मोहिनी श्रवण तुझ बिन नीरस है जीवन करके श्रृंगार न देखूँ दर्पण, आ जाओ सनम करूँ तहे दिल अर्चन। दर्पण दिखा सब करते मेरे सौंदर्य का व   लेखीका परिचय :-  नाम - रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … औ...
जीत
कविता

जीत

============================== रचयिता : रीतु देवी अरमानों की ख्यालों में लगा पंख, सीढियाँ दर सिढियाँ चढ फूंक विजयी शंख, देखकर अस्ताचल-उदयमान रवि , अहर्निश पग बढा खिला छवि, सहस्त्रों बार चींटी भाँति गिर-गिरकर, प्रयास करते रहना न पीछे पलटकर। फंसना न कभी राहों के जाल में सागरों की झंझावतों से निकलते रहना हर हाल में कठोर तपस्या के लगाकर आसन, अपने चमन के गगन का बढाना शान, स्मरण कर कन्हैया संग मिश्री -माखन, थामे रहना प्रतिपल श्रेष्ठजनों का दामन।   लेखीका परिचय :-  नाम - रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर...