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परिवार हो साथ तो कैंसर की क्या ओकात
संस्मरण

परिवार हो साथ तो कैंसर की क्या ओकात

सपना बरवाल कांटाफोड़ देवास (मध्य प्रदेश) ******************** मेरी ज़िंदगी मै सब कुछ ठीक था। और अचानक एक तूफान आया और सब कुछ बिखर गया। केंसर से लडने मै परिवार की जरूरत, रेखांकित करता एक आप बीता संस्मरण। ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत ओर कीमती है, ये तब समझ आता है, जब आपकी ज़िन्दगी मै सब कुछ उलट-पुलट हो जाता है। यकीन मानिए डॉक्टर द्वारा कहे तीन शब्द "आपको केंसर हैं" आपकी ज़िन्दगी मै तूफान ले आते है। मुझे जब पता चला मुझे आखिरी अवस्था का कैंसर है, ऐसा प्रतीत हुआ जैसे अब सब कुछ ख़तम हो जाएगा। ओर बचपन से देखा हुआ सपना इस तूफान की आंधी मै बह जाएगा। कैंसर की परीक्षा की इस घड़ी मै मेरा परिवार मेरी ढाल बनकर खड़ा रहा। इलाज के लिए अस्पताल को चुनना, पेसो की व्यवस्था करना, मुझे हर हाल में सहारा देना। हर कदम पर मेरे मम्मी पापा मेरे साथ थे। मेरे भाई बहन ने मेरा भरपूर सहयोग किया। मेरे दोस्त, पड़ोसी, रिश्तेदा...