तू मेरा जहां…!
हरिदास बड़ोदे "हरिप्रेम"
गंजबासौदा, विदिशा (मध्य प्रदेश)
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एक तू..., बस तू..., सिर्फ तू..., है मेरी जां...,
एक तू..., बस तू..., सिर्फ तू..., है मेरी जां...।
तू मेरी है धड़कन, तू मेरा जहां,
तू मेरी है धड़कन, तू मेरा जहां।
"एक तू मेरी जां..., बस तू धड़कन...,
सिर्फ तू है जहां...।"
तू मेरी है धड़कन, तू मेरा जहां,
तू मेरी है धड़कन, तू मेरा जहां।
तू मेरा जहां...।।
दुआं मैं करूं, जुदां मेरी जां, सिर्फ तू है, जहां से,
जी ना सकूं, बिन तेरे जहां, लग जा गले, प्यार से।
जो तू नही, तो मैं नही, जो तू नही, तो मैं नही,
आज तू कहां..., कल तू वहां...,
दिल-ए-जवां..., तू मेरा जहां...।
"एक तू..., बस तू..., सिर्फ तू..., है मेरी जां...।"
तू मेरी है धड़कन, तू मेरा जहां,
तू मेरी है धड़कन, तू मेरा जहां।
तू मेरा जहां...।।
सुना ऐ जहां, तू जानले, मेरे हमसफर, तू देर ना ...






