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Tag: सौ. निशा बुधे झा “निशामन”

धरा पर पग धरें…
स्तुति

धरा पर पग धरें…

सौ. निशा बुधे झा "निशामन" जयपुर (राजस्थान) ******************** शम्भू तू, शिवशक्ति तू, धरा-व्योम की भक्ति तू। ॐ से उठे स्वर तेरा, चतुर्थ में समृति तू। ॥१॥ त्रिनेत्र में नाव जले, डमरू की ये ऊंची आवाज। संस्कृति का आधार तू, कालान्तक, शुभ भाव। ॥२॥ गंगाजल डूबे तुम, भस्म भाल पर छाय। डांस जब करे नटराज तू, एकजुट हो जाओ सब लोक घनेरे। ॥३॥ सर्प हार, कर त्रिशूल धरे, चंद्रभाल मन शांति परम। शिवरात्रि की वह रजनी, तेरे नाम से जगे सवेरे। ॥४॥ निर्गुण, फिर सगुण लगे, वैराग्य भी, अनुराग जगे। भक्ति-पथ के दीपक तू, जीवन में जो आलोक जगे। ॥५॥ परिचय :- सौ. निशा बुधे झा "निशामन" पति : श्री अमन झा पिता : श्री मधुकर दी बुधे जन्म स्थान : इंदौर जन्म तिथि : १३ मार्च १९७७ निवासी : जयपुर (राजस्थान) शिक्षा : बी. ए. इंदौर/बी. जे. मास कम्यूनिकेशन, भोपाल व्यवसाय : एनला...
बचपन की नाव
कविता

बचपन की नाव

सौ. निशा बुधे झा "निशामन" जयपुर (राजस्थान) ******************** मेरी कश्ती आज फिर से तैयार है। बारिश में सामान को तैयार हैं।। सारे शहर में बारिश के शौकीन हैं। बस बंद हैं, तो वह स्कूल।। जहाँ बच्चों के शौक हैं। वह रास्ता, वह गलियाँ।। वह तेरा चौबारा। वह गांव की पक डंडी।। जिस ओर मुझे मेरी कश्ती मिलती है। बाकी मेरी छोटी सी कश्ती हैं।। बह कर किनारे पर। तो कभी भँवर में डूब न जाय।। मुझे डर था, पर वो तो निडर हैं। बहफैक्ट वो, अपना रास्ता कर।। आज वो कश्ती फिर से गाड़ी का मन है। क्योंकि वक्ता जो रुक गया.. एक बार फिर से मुकर देखने का मन है। बचपन को लेकर चलना का मन है।। परिचय :- सौ. निशा बुधे झा "निशामन" पति : श्री अमन झा पिता : श्री मधुकर दी बुधे जन्म स्थान : इंदौर जन्म तिथि : १३ मार्च १९७७ निवासी : जयपुर (राजस्थान) शिक्षा : बी. ए. इंदौर/...
पसंद हैं मुझे भी कुछ खास
कविता

पसंद हैं मुझे भी कुछ खास

सौ. निशा बुधे झा "निशामन" जयपुर (राजस्थान) ******************** किसी क्या 'फर्क' पड़ता है। क्या! पसंद हैं मुझे खास। बोलना पसंद है। पर चुप रहती आजकल। सोचती हूँ सह जाऊँ दर्द वो जमाने के, पर क्या? करू वो भी तो अपने हैं खास पसंद में शामिल है। आज नदी, पर्वत, मंद-मंद हवा ये सब बेचेन है। शोर बस मेरा 'मौन' हैं! लिख देती हूँ। कलम में भी तो आवाज़ हैं। हलचल! अब कुछ कम है। अब यहीं 'मुझे पसंद है। चारों ओर से आ रहीं कुछ अनकही बातें, जो न मैने कहीं और न उसने सुनी वो बातें। फिर फिर! क्यों गरज रहें अपवादों के सायें ये भी क्या? सही बात है। पसंद हैं अपनी फिर क्यों! होती इसी बात पर रोज तकरार हैं। परिचय :- सौ. निशा बुधे झा "निशामन" पति : श्री अमन झा पिता : श्री मधुकर दी बुधे जन्म स्थान : इंदौर जन्म तिथि : १३ मार्च १९७७ निवासी : जयपुर (राजस्थान) ...
नव बीज
कविता

नव बीज

सौ. निशा बुधे झा "निशामन" जयपुर (राजस्थान) ******************** नदी जो बहकर आई! पवन बरखा संग लाई! उपवन, नव अम्बर नीला, कल-कल, झर-झर, शेष सहस्त्रधारा, कुसुम लता पल्वित, सुमन सागर, न्यारा प्यारी, चंचल नैन निहारे, धरा विस्तार करे, जल धारा, यौवन नित, नव जीवन सारा। वंदन अभिलाषा प्राकृतिक सौन्दर्य, नव कोपल करे "स्वर्णिम" दृश्य भविष्य प्यारी नायरा।। परिचय :- सौ. निशा बुधे झा "निशामन" पति : श्री अमन झा पिता : श्री मधुकर दी बुधे जन्म स्थान : इंदौर जन्म तिथि : १३ मार्च १९७७ निवासी : जयपुर (राजस्थान) शिक्षा : बी. ए. इंदौर/बी. जे. मास कम्यूनिकेशन, भोपाल व्यवसाय : एनलाइन सेलर असेंबली /फ़िलिप कार्ड /अन्य प्रकाशित पुस्तक : स्वयं की मराठी संकलन लघुकथा (मधुआशा 2024) एवं विभिन्न पटल पर पुरस्कार एवं समाचारपत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित स्वरचित कविता/कहानी इत्यादी।...